-विदेश में कॉल कराकर बीएसएनएल को दूसरी बार लगाया गया करोड़ों का चूना

-डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम मिनिस्ट्री की शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की

-मुरादाबाद से फर्जी आईडी पर खरीदे गए 17 सिम से चल रहा था मिनी एक्सचेंज

Meerut : मिनी एक्सचेंज चलाकर विदेशी काल रिसीव कराने का फर्जीवाड़ा मेरठ में बड़े पैमाने पर चल रहा है। दिल्ली से नजदीक होने के कारण मेरठ ऐसे फर्जीवाड़ों का गढ़ बन रहा है। फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड मेरठ के गंगानगर इलाके को सेफ मान रहे हैं। जनवरी में पकड़े गए मिनी एक्सचेंज के साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम मिनिस्ट्री को एक और मिनी एक्सचेंज पकड़ में आया था। मिनिस्ट्री के मैनेजर एके वर्मा की शिकायत पर जांच शुरू की गई तो फर्जी एक्सचेंज में जो सिम प्रयोग किए गए, उन्हें मुरादाबाद से फर्जी आईडी पर खरीदा गया था।

जनवरी में पकड़ा गया था एक्सचेंज

19 जनवरी को गंगानगर में डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम मिनिस्ट्री की शिकायत पर मिनी एक्सचेंज को पुलिस की टीम ने पकड़ा था, जिसमें 64 फर्जी सिम चला कर विदेशी कॉल को रिसीव कर बीएसएनएल को चूना लगाया जा रहा था। ये फर्जी सिम सहारनपुर के देवबंद स्थित रणखंडी से खरीदे गए थे। पुलिस ने सिम मुहैया कराने वाले मामचंद और वसीम को जेल दिया है जबकि मिनी एक्सचेंज के मास्टरमाइंड हरीश और निशांत में से पुलिस अभी तक हरीश को नहीं पकड़ पाई, निशांत जेल में है। मिनिस्ट्री ने पुलिस को फर्जी एक्सचेंज के संचालित होने के कुछ और इनपुट दिए थे जिस पर वर्क के बाद पुलिस को गंगानगर में ही एक और फर्जी एक्सचेंज चलता मिला।

मिला एक और एक्सचेंज

इस तरह के फर्जी एक्सचेंज से आतंकी संगठन की गतिविधियों के संचालन का कयास पुलिस लगा रही है तो डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम मिनिस्ट्री का भी कहना है कि ये देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है। हालांकि अभी इस मामले में सस्पेंस बाकी है। मिनिस्ट्री ने पड़ताल की तो सामने आया कि गंगानगर में एक और मिनी एक्सचेंज का संचालन हो रहा था, जिसमें 17 मिस चल रहे थे। मिनिस्ट्री के एके वर्मा ने पुलिस को मामले की शिकायत की, जिस पर एसएसपी डीसी दूबे ने मामले की जांच साइबर सेल के प्रभारी कर्मवीर को दी है।

मुरादाबाद के हैं सभी सिम

कर्मवीर ने मामले की जांच की तो पता चला कि सभी सिम मुरादाबाद से फर्जी आईडी पर खरीदे गए थे। इस फर्जीवाड़े को भी दिल्ली में रहने वाले कुछ युवकों ने अंजाम दिया है। मेरठ से दिल्ली की दूरी कम होने के कारण ठगी को अंजाम देने वाले युवक मेरठ के गंगानगर एरिया में ही मिनी फर्जी एक्सचेंज खोल रहे है। इसबार में ठगी करने वाले युवकों ने बीएसएनएल को करोड़ों रुपये का चूना लगा दिया है, जिस प्रकार से मामले की पड़ताल हुई है। उससे संदेह है कि इस मामले में कोई बीएसएनएल का कर्मचारी भी शामिल है। पुलिस इस लाइन पर भी काम कर रही है।

विदेशी काल हुई रिसीव

एक्सचेंज से कोई भी आउटगोई्रग काल नहीं की गई। सभी काल इनकमिंग हुई है, जो रिसीव करने के बाद लोकल में बदल दी गई। ग्राहक मेरठ के अलावा सहारनपुर और देवबंद, मुजफ्फरनगर तक के है, जिनसे बात कराई गई है। गंगानगर में मिनी एक्सचेंज खोलने की दूसरी घटना को लेकर डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम मिनिस्ट्री भी सतर्क हो गया है। पड़ताल की जा रही है कि कहीं और भी मिनी एक्सचेंज का संचालन तो नहीं हो रहा है।

वर्जन

जनवरी में गंगानगर में फर्जी एक्सचेंज को पकड़ा था। पुलिस के साथ छापामार कार्रवाई में ऐसे इनपुट निकलकर आए थे जो बीएसएनएल को घाटा देने के साथ-साथ देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी खतरनाक थे। इसी दौरान गंगानगर में ही एक और फर्जी एक्सचेंज का इनपुट पुलिस को सौंपा था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

एके वर्मा, मैनेजर, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम मिनस्ट्री

बीएसएनएल के प्रबंधक एके वर्मा की शिकायत पर मामले की जांच साइबर सैल को दे दी गई है, जिसमें जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। पूरा मामला वैसे ही सेट किया गया था, जैसे जनवरी में पकड़े गए मिनी एक्सचेंज का था। उस समय सिम देवबंद से खरीदे गए तो इस बार मुरादाबाद से फर्जी आईडी पर खरीदे थे। इसबार मिनी एक्सचेंज में सिर्फ 17 सिम चल रहे थे। साइबर सेल की जांच मिनी एक्सचेंज के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश में लगी है। जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा।

-डीसी दूबे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

Posted By: Inextlive