- डीडीयू एकेडमिक स्टाफ कॉलेज में ऑनलाइन कोर्सेज पर पैनल डिस्कशन हुआ ऑर्गेनाइज

GORAKHPUR : इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की इस एरा में भला कौन हाईटेक नहीं होना चाहता है। यही वजह है कि हाईटेक एरा में खुद को बनाए रखने के लिए एजुकेशन सिस्टम भी हाईटेक हो रहा है। अब तक सिर्फ मैनुअल मोड में काम करने वाला एजुकेशन सिस्टम लगातार टेक सेवी हो रहा है। मौजूदा वक्त में ऑनलाइन कोर्सेज भी लगातार बढ़ रहे हैं। यह स्टूडेंट्स के लिए कितना इंपॉर्टेट हैं, इसे लेकर मंडे को गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पैनल डिस्कशन ऑर्गेनाइज किया गया। एकेडमिक स्टाफ कॉलेज की ओर से आईटी के सेकेंड रिफ्रेशर के तहत 'पैनल डिस्कशन' ऑर्गेनाइज किया गया। 'माकस' 'मैसिवली ओपन ऑनलाइन कोर्सेज : इंडियन सिनारियो में कितने इंपॉर्टेट' टॉपिक पर एक्सप‌र्ट्स ने अपनी राय रखीं।

कंप्यूटर लिटरेसी और इलेक्ट्रिसिटी है प्रॉब्लम

पैनल डिस्कशन के दौरान यह बात सामने आई कि ऑनलाइन कोर्सेज यूं तो एजुकेशन क्वालिटी को बढ़ाने के लिए काफी इंपॉर्टेट हैं, लेकिन रूरल एरियाज में कंप्यूटर लिटरेसी और इलेक्ट्रिसिटी इसके बीच की सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। अगर यह दूर कर दी जाए तो इससे एजुकेशन सिस्टम काफी बेहतर हो जाएगा। इसमें एक्सपर्ट के तौर पर मौजूद प्रो। अशोक कुमार सक्सेना ने कहा ऑनलाइन कोर्सेज का फायदा इंडियंस को तभी मिलेगा, जब ग्राम सभाओं में सामुदायिक इस्तेमाल के लिए कंप्यूटर और इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई को सरकार बेहतर कर सके, वरना फैसिलिटी होने का कोई मतलब नहीं है।

धीरे-धीरे एक्सेप्ट होती है टेक्निक

पैनल में मौजूद कोऑर्डिनेटर प्रो। अजेय कुमार गुप्ता ने बताया कि कोई नई टेक्निक आती है, तो इसे सभी एक्सेप्ट नहीं करते हैं। जैसे-जैसे उस टेक्निक की उपयोगिता प्रमाणित होती है, लोग उसे एक्सपेट कर लेते हैं। इसलिए जरूरी है कि हमें ऐसी टेक्निक को एक्सेप्ट करना चाहिए। इस दौरान डॉ। चंद्र भूषण अंकुर ने बताया कि प्रॉब्लम्स के बीच स्टूडेंट्स कैसे बेहतर एजुकेशन हासिल कर सकेंगे। इस पैनल डिस्कशन में डॉ। अनिल यादव, डॉ। अर्जुन मिश्र, डॉ। शफकत अलाउद्दीन, डॉ। हितेंद्र चौधरी, डॉ। संजय तिवारी, आशुतोष मिश्र ने हिस्सा लिया।

Posted By: Inextlive