RANCHI: रांची में जमीन म्यूटेशन की ऑनलाइन प्रक्रिया आवेदकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि म्यूटेशन का आवेदन ऑनलाइन एक्सेप्ट ही नहीं हो रहा है। ऐसे में करीब 12 हजार आवेदन पेंडिंग पड़े गए हैं। इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जमीन का म्यूटेशन कराने के लिए लोग प्रज्ञा केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनका आवेदन सब्मिट ही नहीं हो पा रहा है। वहीं, अधिकारी मामले में तकनीकी खराबी बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

2013 से ऑनलाइन सिस्टम

जमीन के म्यूटेशन में आनेवाली अड़चनों को दूर करने के लिए रांची के शहरी अंचलों में ऑनलाइन म्यूटेशन सिस्टम 2014-15 से शुरू किया गया, जिसे बाद में पूरे राज्य में लागू किया गया। प्रयोग के तौर पर झारखंड में सबसे पहले रांची जिले के इटकी अंचल से ऑनलाइन म्यूटेशन की शुरुआत 2013 में की गई। ऑनलाइन म्यूटेशन सिस्टम होने के बाद भी म्यूटेशन में विलंब होने से लंबित आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है।

जिले के 18 अंचलों में परेशानी

रांची जिले के 18 अंचलों में ऑनलाइन म्यूटेशन के करीब 12 हजार मामले लंबित हैं। लोग अंचल ऑफि स की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन म्यूटेशन के चक्कर में उनकी जमीन का दाखिल-खारिज लटका हुआ है। तकनीकी अड़चन और विभाग के कर्मचारियों के क्रियाकलापों के कारण म्यूटेशन के लंबित मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। रांची जिला के विभिन्न अंचलों में जमीन के म्यूटेशन के लिए कई लोगों ने कई महीने पहले आवेदन दिया था, लेकिन अभी तक उनका मामला पेडिंग है। जब ऑनलाइन म्यूटेशन की शुरुआत हुई तो उम्मीदें जगीं कि म्यूटेशन के लंबित मामलों का जल्द से जल्द निपटारा हो जायेगा। लेकिन, ऑनलाइन म्यूटेशन में आ रही तकनीकी अड़चन के कारण म्यूटेशन के लंबित आवेदन की संख्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। म्यूटेशन के लिए अप्लाई करने के बाद लोगों को सीओ ऑफिस से कोई समय भी नहीं मिलता, जिस वजह से आवेदक को यह मालूम नहीं होता कि कब उनकी जमीन का म्यूटेशन होगा।

यह है म्यूटेशन का प्रॉसेस

म्यूटेशन से संबंधित आवेदन अंचल ऑफिस में ऑनलाइन जमा करना होता है। अंचल की ओर से डाटा एंट्री के बाद टोकन जारी किया जाता है। फिर आवेदन संबंधित हल्का कर्मचारी के पास भेजा जाता है। हल्का ऑफि स में जमीन से संबंधित सारे दस्तावेज की जांच होती है। हल्का कर्मचारी की रिपोर्ट सीआइ के पास भेजी जाती है। सीआइ के माध्यम से होते हुए पेपर सीओ के पास आता है, सीओ के हस्ताक्षर के बाद करेक्शन स्लिप जारी की जाती है।

21 दिनों में होना है म्यूटेशन

अंचल ऑफि स में आवेदन जमा होने के 21 दिनों के अंदर जमीन का म्यूटेशन हो जाना चाहिए, लेकिन, यह नहीं हो रहा है।

वर्जन

म्यूटेशन के लिए जो आवेदन आ रहा है, जिसका पेपर ठीक होता है उसका कर दिया जाता है। वहीं जिनका पेपर सही नहीं होता है उसकी क्वेरी की जाती है। जो लोग पेपर जमा नहीं करते हैं सिर्फ उन्हीं का म्यूटेशन नहीं हो रहा है।

प्रकाश कुमार, सीओ, रांची

Posted By: Inextlive