RANCHI: सरकार ने पेपरलेस व्यवस्था बनाने के लिए आनलाइन सिस्टम शुरू किया, ताकि लोगों को काम कराने के लिए आफिस-आफिस के चक्कर न लगाने पड़े। वहीं कागजातों के झंझट से भी मुक्ति मिल जाए। लेकिन यह व्यवस्था लोगों के लिए बस हाथी का दांत साबित हो रही है। दिखावे के इस सिस्टम से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि लोग फिर से पुरानी व्यवस्था में ही काम कराने को मजबूर हैं। बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के लिए लोग खुद से पेपर लेकर आफिसों के चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में लोगों का काफी समय आफिसों के चक्कर लगाने में ही निकल जा रहा है।

पहले एफिडेविट, तभी गवाही

अगर आपने भी अपने बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बनवाया है, तो आपको सर्टिफिकेट बनवाने में पसीने छूट जाएंगे। चूंकि वर्तमान व्यवस्था में पहले प्रज्ञा केंद्र से आपको बर्थ सर्टिफिकेट का फार्म लेना होगा। इसके बाद आपको एक एफिडेविट कराकर एसडीओ के पास गवाही करानी होगी कि जिस बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट आप बनवा रहे हैं वो आपका ही बच्चा है। तभी एसडीओ के पास से आपका फार्म आगे फारवर्ड कर किया जाएगा। इसके बाद फार्म और एफिडेविट लेकर आपको सांख्यिकी विभाग में एंट्री करानी होगी। इससे जनगणना का रिकार्ड अपडेट हो जाता है। तब जाकर आपको फार्म प्रज्ञा केंद्र में जमा कराना होगा। इसके बाद तय डेट पर आपको बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।

पार्षद से वेरीफिकेशन जरूरी

इतना ही नहीं, बच्चे के जन्म के एक महीने बाद तो बर्थ सर्टिफिकेट बनाना पहाड़ चढ़ने जैसा है। इसके लिए वार्ड पार्षद से भी वेरीफिकेशन कराना होता है कि जिस बच्चे का सर्टिफिकेट बनाया जाना है वह उनके वार्ड में ही रहने वाला है और वह उसे जानते हैं। इसके बाद उस वेरीफिकेशन को लेकर आप बर्थ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे में कहीं से आनलाइन सिस्टम लोगों को राहत देने वाला नहीं है।

Posted By: Inextlive