RANCHI : राज्य सरकार ने सरकारी कामकाज को सुगम व पारदर्शी बनाने के लिए कई विभागों में ऑनलाइन सर्विस शुरू तो कर दी है, लेकिन इससे जरूरतमंदों को सहूलियत से ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। ना तो ऑनलाइन म्यूटेशन की रफ्तार तेज हुई है और ना ही जमीन की रजिस्ट्री की अड़चनें खत्म हुई है। विधवा पेंशन से संबंधित डेटा भी अपलोड नहीं हो रहे हैं। वजह सर्वर का प्रॉपर तरीके से काम नहीं करना है। झाररनेट के सॉफ्टवेयर में आए दिन गड़बडि़यों व सर्वर डाउन होने से से यहां ऑनलाइन सर्विस चरमराई हुई है। यह सिर्फ नाम की ऑनलाइन सर्विस है, विभागों में काम तो ऑफ हैं।

20 दिन से ठप है जमीन की रजिस्ट्री

रांची के डिस्ट्रिक रजिस्ट्रार ऑफिस में पिछले 20 दिनों से प्लॉट व फ्लैट की रजिस्ट्री बंद है। इस वजह से हर दिन करीब एक करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इस तरह बीस करोड़ रुपए का झटका सरकार को लग चुका है। इस इसकी वजह सर्वर में आई तकनीकी गड़बड़ी है। इस कारण ऑनलाइन रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। जमीन की रजिस्ट्री ठप होने से ऑफिस के कर्मचारियों के पास भी काम नहीं है। डीड राइटर भी खाली हाथ हैं। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जब से ऑनलाइन रजिस्ट्री शुरू हुई है, अक्सर कोई न कोई गड़बड़ी होती आ रही है।

3500 म्यूटेशन हैं पेंडिंग

ऑनलाइन म्यूटेशन सर्विस शुरू होने के बाद से ही अंचलों मे म्यूटेशन से संबंधित पेंडिंग अप्लीकेशंस की संख्या बढ़ती जा रही है। रांची जिले के 18 अंचलों में ऑनलाइन म्यूटेशन के करीब 35 मामले पेंडिंग हैं। लोग हर दिन अंचल ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन म्यूटेशन के चक्कर में उनकी जमीन का दाखिल-खारिज नहीं हो पा रहा है। कहने को सिर्फ 18 दिन में ही ऑनलाइन म्यूटेशन होना है, लेकिन सर्वर डाउन व तकनीकी खराबी से इसमें महीनों लग जा रहे हैं। ऑनलाइन म्यूटेशन में एक बड़ी समस्या अंचलों में इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का भी नहीं होना है। इसके अलावा म्यूटेशन का जटिल प्रॉसेस भी इसमें बाधक बना हुआ है।

8025 डेटा विधवा पेंशन के नहीं हो रहे अपलोड

विधवा पेंशन से संबंधित डेटा के अपलोड नहीं होने से विधवाओं के पेंशन पर भी आफत बनी हुई है। सिर्फ रांची जिले में ही 8025 विधवाओं के पेंशन से संबंधित डेटा को अपलोड किया जाना है, लेकिन सर्वर में आए दिन खराबी आने से मात्र तीन हजार डेटा ही अपलोड हो सका है। पांच हजार डेटा अपलोड होने में कितना वक्त लगेगा, यह विभागीय अधिकारी भी नहीं बता पा रहे हैं। उनका कहना है कि सर्वर में आनेवाली तकनीकी गड़बडि़यां जबतक ठीक नहीं होगी, डेटा अपलोड में दिक्कतें आती रहेंगी।

2013 में ऑनलाइन म्यूटेशन का हुआ था आगाज

राज्य में ऑनलाइन म्यूटेशन का आगाज दो साल पहले हुआ था। रांची जिले के इटकी अंचल में सबसे पहले साल 2013 से ऑनलाइन म्यूटेशन हो रहा है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से अन्य अंचलों को ऑनलाइन म्यूटेशन सिस्टम से जोड़ा जा रहा है।

Posted By: Inextlive