अगर सब ठीक रहा तो अब वह दूर नहीं जब हम सिर्फ भारतवासी और भारतीय होंगे. इंडियन और इंडिया शब्‍द हमारे देश के लिए प्रयोग नही किया जाएगा क्‍योंकि देश के नाम को बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर जनहित याचिका दाखिल की हो चुकी है. याचिका पर मंथन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर केंद्र सरकार व सभी राज्‍यों से उनकी राय व जवाब मांगा है.


कोई फैसला नहीं आयाजानकारी के मुताबिक इन दिनों देश का नाम बदलने को लेकर काफी तेजी से प्रयास हो रहे हैं. अब हमारे देश का हिंदी हो या अग्रेंजी सब में भारत ही लिखा जाएगा. हालांकि अभी इस पर कोई फैसला नहीं आया लेकिन पहल हो रही है. देश के नाम को बदलने के लिए महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन भटवाल ने याचिका दायर की है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है आखिर हमारे देश का इंडिया कैसे रख दिया, क्योंकि सविधान सभा में आए नामों में इंडिया नाम कहीं भी नहीं था. उन नामों ‘भारत, हिंदुस्तान, हिंद और भारतभूमि या भारतवर्ष’नाम थे. जिससे यह साफ है कि इंडिया नाम किसी साजिश के तहत रखा गया है. इस नाम से हमारे देश का कोई अभिप्राय नहीं है.केंद्र व सभी राज्यों के जवाब
ऐसे में उनकी याचिका चीफ जस्टिस एच एल दत्तू और जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की. जिसके बाद उन्होंने देश के नाम बदलने में केंद्र व राज्य सरकार की सलाह मांगी हैं. इसके लिए उन्होंने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस भी जारी किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से पूछा है कि क्या ‘इंडिया’ नाम को बदलकर ‘भारत’ कर दिया जाना चाहिए. अगर केंद्र व सभी राज्यों के जवाब हां में आते हैं तो फिर देश का नाम बदला जा सकता है. जिसके बाद से गैर सरकारी संगठनों और कॉर्पोरेट्स सेक्टर्स व अंतराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए ‘भारत’ नाम का इस्तेमाल किया जाने लगेगा.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh