सिर्फ पांच विभागों ने बनाई वेबसाइट
असफलता
यूनिवर्सिटी के निर्देशों का नहीं हो सका पालन सिर्फ पांच विभागों ने बनाई वेबसाइट -वेबसाइट बनाने के लिए दिया गया था दस दिन का प्रशिक्षिण -बावजूद इसके विभाग नहीं बना रहे अपने विभाग की वेबासाइट मेरठ। एक तरफ यूनिवर्सिटी दिन ब दिन हाईटेक होती जा रही है। सभी चीजों को विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कर दिया है, लेकिन विभाग हैं कि समय के साथ चलने को तैयार ही नहीं है। इसकी बानगी का अंदाजा इस बात से लगया जा सकता है कि विश्वविद्यालय में अभी तक केवल पांच विभाग की वेबसाइट बनी हुई है। इनकी बनी है वेबसाइट विश्वविद्यालय में वेबसाइट बनाने की शुरुआत पिछले साल माइक्रोबॉयालोजी विभाग ने शुरू की थी। इसके बाद हिन्दी, सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज, मॉस कॉम विभाग सहित पांच विभागों की वेबसाइट बनी है। दस दिन की ट्रेनिंगएक साल पहले माइक्रोबॉयलोजी विभाग द्वारा सभी विभागों के कर्मचारियों को वेबसाइट बनाने की दस दिन की ट्रेनिंग दी गई थी। उनको बताया कि गया था वेबसाइट बनाने के लिए क्या करना है और कैसे करना है।
ढाई हजार में डोमेनविभाग की वेबसाइट बनाने के लिए केवल डोमेन लेने की जरूरत है। माईक्रोबॉयलोजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एपी गर्ग ने बताया कि डोमेन लेने के लिए केवल ढाई हजार रुपये का खर्च आता है। विश्वविद्यालय के किसी भी विभाग के लिए ढाई हजार रुपये खर्च करान कोई बड़ी बात नहीं है।
--- पांच विभागों ने अपनी वेबसाइट बना ली है। सभी विभागों ने कहा गया है कि जल्द से जल्द अपने विभाग की वेबसाइट बना लें। वेबसाइट बन जाने से विभाग को तो फायदा होगा ही इसके अलावा स्टूडेंट को भी काफी फायदा होगा। डॉ। प्रशांत कुमार, प्रवक्ता सीसीएसयू