- सफेद हाथी बनी पानी की टंकी

- बीस वर्ष से टंकी से नहीं सप्लाई हो सका कॉलोनी को पानी

- एक ट्यूबवेल के सहारे चल रहे दो सेक्टर

- पॉश इलाके में कूड़े का अंबर, सीवरेज सिस्टम भी ध्वस्त

LUCKNOW: कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी में गंदगी का अंबार ही नहीं बल्कि सीवरेज सिस्टम भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। सीवरेज सिस्टम के खराब होने के चलते आए दिन गंदा पानी लोगों के घरों में समा जाता है। यहां बिना बारिश के ही जलभराव की स्थिति रहती है। इसी कॉलोनी में पानी के दो रूप नजर आते है। एक तरह सीवरेज सिस्टम के चलते गंदा पानी घरों में भर जाता है तो दूसरी तरह पीने के पानी के लिए लोग तरस रहे है। बीस वर्षो से बनी पानी की टंकी हाथी दांत साबित हो रही है। टंकी से पानी आज तक घरों में सप्लाई तक नहीं हो सका। एक ट्यूब वेल के सहारे लोगों को यहां पानी मिल रहा है।

26 वर्ष पहले बनी थी कॉलोनी

कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी 1989 में एलडीए ने डेवलप की थी। इस कॉलोनी में कई सेक्टर है। जिसमें सेक्टर एच में करीब पांच हजार मकान और सेक्टर जी में दो हजार है। इस कॉलोनी को 2002 में एलडीए ने नगर निगम को हैंड ओवर कर दिया था। नगर निगम के हैंड ओवर के बाद भी सफाई व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

खस्ता हाल में हैं रोड

एलडीए कॉलोनी में मेन रोड बनी है लेकिन उसकी हालत भी जर्जर हो गई है। टूटी-फूटी रोड पर चलना मुश्किल है। अंदर गलियों की रोड का आलम है कि वहां कभी रोड बनी थी और आज उसका केवल निशान ही नहीं है। आलम यह है कि बस मिट्टी की पगडंडी बनाकर लोग काम चला रहे हैं। पूरे क्षेत्र में जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। बारिश में दिक्कत बढ़ जाती है। जलभराव हो जाता है। इससे इतर जहां पर नगर निगम ने नालियां बनाई हैं वहां सफाई नहीं होती। कूड़े से नालियां चोक हो गई हैं।

हादसों को न्योता देते मेनहोल

कॉलोनी में बने सीवर लाइन के मेनहोल भले काम के न हों लेकिन यह मेनहोल हादसों की वजह बन रहे हैं। मेनहोल के ढक्कन न होने पर मेन रोड पर खुले मेनहोल में कई बार लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। यही हाल कॉलोनी में कई जगह है। कहीं नालियों के ऊपर बना स्लेप टूटा है तो कहीं गहरे गड्ढे खुले हैं। इसमें आए दिन लोग गिरकर घायल हो जाते हैं। इसके अलावा स्पीडब्रेकर न होने से हाईवे से लिंक रोड पर जाने वाले वाहनों की चपेट में कॉलोनी के बच्चे अक्सर आ जाते हैं।

धूल से आजिज हैं लोग

गंदगी और धूल से कॉलोनी के लोग आजिज हैं। महिलाओं का कहना है कि छतों पर कपड़े तक नहीं सुखा सकते हैं क्योंकि वहां उड़ने वाली धूल से कपड़े तक काले हो जाते हैं। यही नहीं गंदगी का अंबार होने के चलते मच्छरों का भी भीषण प्रकोप है। स्थानीय लोगों ने पार्षद से कई बार फॉगिंग कराने के लिए कहा लेकिन नगर निगम के अभियान के बाद भी एरिया में फॉगिंग तक नहीं हुई। ड्रेनेज सिस्टम न होने के चलते गंदे पानी के जमाव से मच्छर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। कूड़ा ढोने वाली गाडि़यां न आने के कारण खाली प्लॉट और नालियों में कूड़ा पटा हुआ है। कॉलोनी में एक भी सरकारी नल और हैंडपंप तक नहीं है। कॉलोनी में पानी की तलाश में आने वाले बाहरी लोग भटकते हैं।

नहीं मिला टंकी से पानी

सेक्टर एच में मकानों की संख्या ज्यादा होने के चलते एलडीए ने 1996 में एक अतिरिक्त पानी की टंकी का निर्माण कराया था। टंकी में पानी भरने के लिए एक ट्यूब वेल भी लगाया गया था। निर्माण के बाद से आज तक टंकी में पानी ही नहीं पहुंचा। ट्यूब वेल के कम प्रेशर के चलते टंकी में पानी नहीं चढ़ पाता है। जिसके चलते टंकी भर नहीं पाती है। स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायत की, लेकिन हर बार उन्हें दूसरे ट्यूबवेल लगाने का आश्वासन मिला। जबकि कई वर्ष बीतने के बाद भी आज तक टंकी में पानी नहीं चढ़ सका। महज एक ट्यूब वेल के भरोसे चल रहे है हजारों मकान।

सेक्टर जी में सीवर की समस्या पुरानी है। मैंने यहां 205 मीटर नई सीवर लाइन का प्रस्ताव अमृत योजना के अंतर्गत भेजा है। जल्द ही यह नई लाइन पड़ने से सीवर की समस्या से निजात मिल सकेगी। जहां तक सेक्टर एच पानी की टंकी में पानी न भरने की बात है तो यह टंकी बेहद जर्जर है, इसलिए एहतियात के तौर पर इसमें पानी नहीं भरा जाता। हालांकि, ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई जारी है।

- लक्ष्मी सिंह

पार्षद, विद्यावती द्वित्तीय वार्ड

क्या कहते हैं लोग

एलडीए कॉलोनी में सीवरलाइन पूरी तरह ध्वस्त है। जिसके चलते आए दिन सीवर लाइन चोक हो जाती है। लाइन चोक होने से गंदा पानी लोगों के घरों में भर जाता है। कई बार शिकायत के बाद भी मुश्किल से सरकारी कर्मचारी आते है। आलम यह है कि वोटर लगाकर गंदा पानी घरों से निकला जाता है।

- कौशलेन्द्र द्विवेदी, स्थानीय निवासी

एलडीए कॉलोनी में पानी की सबसे ज्यादा प्रॉब्लम है। एक ट्यूबवेल के भरोसे ही कॉलोनी में पानी की सप्लाई होती है। ट्यूबवेल के चलते का टाइम फिक्स है। अगर वह टाइम मिस कर गए तो घरों में पानी की किल्लत हो जाती है। मजबूरी में कई लोगों ने अपने घरों में सबमर्सिबल लगवाया है। टंकी चालू होने से इस परेशानी को दूर किया जा सकता है।

महेश कुमार द्विवेदी, स्थानी निवासी

एरिया में सीवर सिस्टम फेल है। कई बार जेई से शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। घरों के सामने सुबह-शाम बदबूदार पानी बहता है। पार्षद भी नहीं सुनती हैं। अब नगर विकास मंत्री के पास जाने की योजना है।

- राजेश डोगरा, स्थानीय निवासी

इलाके के सभी पार्क देखरेख के अभाव में कूड़ाघर में तब्दील हो चुके हैं। सफाईकर्मी किसी की नहीं सुनते। घरों में धूल का अंबार जमा हो जाता है। घरों के बाहर कूड़े का ढेर लगा रहता है। मेन रोड पर चौराहे-चौराहे पर कूड़ा फैला रहता है।

- अरविंद कुमार, स्थानी निवासी

सफाईकर्मी कभी नहीं आते हैं। घरों का कूड़ा कलेक्शन तक की सुविधा नहीं है। सीवर उफना रहे हैं और जल संस्थान के जेई शिकायत करने पर कोई ध्यान नहीं देते। जिससे निजात दिलाने के लिए सरकारी तंत्र कुछ नहीं कर रहा है।

- कीर्ति खिलनानी, हाउस वाइफ

प्राइवेट लोगों को दो से तीन सौ रुपए प्रति महीने देकर कूड़ा उठवाया जाता है। वह लोग केवल घरों से कूड़ा लेते हैं जबकि कॉलोनी की रोड पर न कभी झाड़ू लगती है और न ही कूड़ा उठता है। गंदगी के साथ कॉलोनी में जलभराव की सबसे ज्यादा समस्या है।

- पुष्कर शुक्ला

समाजसेवी

Posted By: Inextlive