रांची: लॉकडाउन के बीच हॉस्पिटल्स और प्राइवेट 1िलनिक में ओपीडी खोलने की छूट दे दी गई है. ए

रांची: लॉकडाउन के बीच हॉस्पिटल्स और प्राइवेट क्लिनिक में ओपीडी खोलने की छूट दे दी गई है। ऐसे में भले ही मरीजों को थोड़ी राहत मिल गई है। लेकिन डॉक्टरों ने अपना तरीका ही बदल दिया है। जहां कोरोना सस्पेक्टेड मरीजों को देखने वाले डॉक्टर पीपीई किट पहन कर इलाज कर रहे हैं। वहीं ओपीडी में भी अब भीड़ लगाने पर रोक है। एक-एक कर ही मरीजों को डॉक्टर देखकर दवाएं लिख रहे हैं। वहीं कई डॉक्टरों ने तो ओपीडी में लिमिटेड मरीजों को देखना शुरू कर दिया है। इसके बाद आने वाले मरीजों को लौटा दिया जा रहा है।

पीपीई किट पहन देख रहे सस्पेक्टेड

रिम्स हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा मरीज इलाज के लिए आते हैं, जहां पर सस्पेक्टेड मरीजों के लिए अलग काउंटर है। ऐसे में वहां ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। एक बार में एक ही मरीज को डॉक्टर देख रहे हैं। इसके अलावा दो मीटर की दूरी जरूरी है। इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर ही मरीजों का फिजिकल चेकअप कर रहे हैं, जिससे कि सेफ्टी में कोई चूक न हो जाए। वहीं कोई भी लक्षण मिलने पर उनका कोविड टेस्ट कराया जा रहा है।

सदर में प्लास्टिक कवर के पीछे से इलाज

सदर हॉस्पिटल का ओपीडी मरीजों के लिए शुरू कर दिया गया है। चूंकि वहां पर सबसे ज्यादा इलाज के लिए महिलाएं और बच्चे आ रहे हैं। ऐसे में अब डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा का नया तरीका ढूंढ निकाला है। जहां प्लास्टिक कवर के पीछे से मरीजों को डॉक्टर देख रहे हैं, जिससे कि वे कम से कम मरीजों के डायरेक्ट कांटैक्ट में आ सकें। वहीं थर्मल स्कैनिंग के बाद भी लिमिटेड लोगों को ही एंट्री दी जा रही है, जिससे कि बेवजह भीड़ जमा न हो।

एप्रन के साथ मास्क, ग्लवस व फेस शील्ड

पहले डॉक्टर एप्रन पहनकर मरीजों को देखते थे। लेकिन कोरोना के आने के बाद से अब डॉक्टरों के यूनिफार्म में मास्क, ग्लव्स और फेस शील्ड भी शामिल हो गया है। चूंकि मरीजों को देखने के साथ ही अब डॉक्टरों को अपनी सुरक्षा का भी ख्याल रखना है। वहीं मरीजों से कंसल्टेशन के दौरान एक मीटर की दूरी भी मेंटेन कर रहे हैं, ताकि किसी भी तरह के इन्फेक्शन की संभावना न हो।

प्राइवेट में स्कैनिंग के बाद ही ओपीडी में एंट्री

सिटी के प्राइवेट क्लिनिक भी खुल गए हैं, जहां पर एंट्री से पहले ही थर्मल स्कैनिंग की जा रही है। वहीं, पेशेंट्स को मास्क लगाना अनिवार्य है। इसके बाद डॉक्टर उन्हें देख रहे हैं। वहीं अपनी सुरक्षा के लिए डॉक्टर पीपीई किट, गाउन और ग्लास, मास्क, कैप भी लगा रहे हैं ताकि इन्फेक्शन से बचे रहें। इसके अलावा कई डॉक्टरों ने तो एक दिन में 8-10 मरीज ही ओपीडी में देखने का शेड्यूल तय कर दिया है, जिससे कि वे कम से कम मरीजों के कांटैक्ट में आ सकें।

Posted By: Inextlive