RANCHI :राज्य के मोस्ट वांटेड 550 नक्सलियों के खात्मे के लिए पुलिस ने ऑपरेशन स्टार्ट कर दिया है। झारखंड में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी, टीपीसी और पीएलएफआई के सदस्य पुलिस के लगातार कांबिंग आपरेशन से कमजोर पड़ते जा रहे हैं। प्रभाव वाले कई इलाकों से नक्सलियों के पैर उखड़ गए हैं। पुलिस के मुताबिक राज्य में अब मात्र 550 माओवादी बचे हुए हैं। इनमें 250 पर इनाम घोषित है, 30 और पर इनाम घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है। बचे 550 माओवादियों के खात्मे के लिए ही भारी संख्या में सुरक्षाबल के जवान जंगलों में घुसे हैं। इनमें सीआरपीएफ की 122, आईआरबी की 5 और झारखंड जगुआर की 40 कंपनी की फोर्स शामिल है। इस दौरान इन जवानों को भारी मात्रा में विस्फोटक व डेटोनेटर भी बरामद हुए हैं

सरायकेला में कई बड़े नक्सली

पुलिस को सूचना मिली है कि सरायकेला के कुचाई इलाके में पिछले चार महीने से कई बड़े माओवादी नेता कैंप कर रहे हैं। खुफिया विभाग से मिली इनपुट के अनुसार एक करोड़ का इनामी माओवादी और पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस भी फिलहाल सरायकेला में ही है। इसके साथ 25 लाख का इनामी पतिराम मांझी उर्फ अनल दा, 15 लाख का इनामी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक, 10 लाख का इनामी अमित मुंडा समेत 200 लोकल नक्सली सदस्य दस्ते के साथ सरायकेला-खरसावां में एक्टिव हैं।

नक्सलियों के कोड वर्ड ट्रेस

नक्सलियों के कोड वर्ड आसानी से ट्रेस हो जाने की वजह से आपरेशन में लगे जवानों को काउंटर रणनीति में सफलता मिल रही है। इस दौरान पुलिस को नक्सलियों द्वारा छुपाए गए डेटोनेटर और विस्फोटक भारी मात्रा में बरामद हुए हैं। पुलिस पर हमले के लिए लगाए गए 250 आईईडी को भी विस्फोट से पहले ही निष्क्रिय करने में जवान सफल हुए हैं। पुलिस का दावा है कि लगातार चलाए जा रहे अभियान से नक्सलियों को जान बचाने के लिए नए ठिकानों की तलाश में इधर-उधर भागना पड़ रहा है।

2019 में 25 मुठभेड़, 18 ढेर

झारखंड में वर्ष 2019 में 25 से अधिक मुठभेड़ हुए हैं। इन मुठभेड़ों में 18 नक्सली मारे गए और 65 से अधिक नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं चार नक्सलियों ने सरेंडर किया। झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के कोर ग्रुप तक पहुंचने में मिली कामयाबी के बाद सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद हैं। 2018 में 160 नक्सलियों को सुरक्षा बल के जवानों ने मार गिराया था, वहीं 1200 नक्सली गिरफ्तार हुए। 360 ने हथियार डाल दिया। नक्सली हिंसा में 30 से 40 फीसदी तक कमी आई है।

18 साल में 510 जवान शहीद

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 18 साल में 5,688 नक्सली हमले और घटनाओं में अब तक 510 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं, वहीं पुलिसिया कार्रवाई में 846 नक्सली मारे गए हैं।

18 साल में लैंड माइंस विस्फोट और मुठभेड़

वर्ष विस्फोट मुठभेड़

2001 08 312

2002 08 267

2003 10 322

2004 12 279

2005 08 223

2006 08 307

2007 03 478

2008 03 436

2009 41 512

2010 29 496

2011 06 504

2012 04 404

2013 04 349

2014 06 231

2015 -- 196

2016 04 196

2017 02 159

2018 03 145

2019 -- 025

वर्जन

पुलिस लगातार ऑपरेशन चला रही है और खूंखार नक्सलियों की मांद में घुसकर उनकी गिरफ्तारी की जा रही है। मुठभेड़ में भी पुलिस सफल हो रही है।

एवी होमकर, डीआईजी, रांची

Posted By: Inextlive