हमने अक्सर ऐसी खबरें सुनी हैं कि सभ्यता और संस्कृति के नाम पर किस तरह से प्रेमी जोड़ों को राह चलते पार्क में और न जाने किन-किन जगहों पर डराया और धमकाया जाता है। खासतौर से वैलेंटाइन्स डे में ऐसे में ऑपरेशन रोमियो क्या एक सही तस्वीर प्रस्तुत कर पाती है। पढि़ए पूरा रिव्यू।


फिल्म : ऑपरेशन रोमियोकलाकार: शरद केलकर, भूमिका चावला, सिद्धांत गुप्ता और वेदिका पिंटोनिर्देशक: शशांत शाहरेटिंग: 2 स्टारक्या है कहानी?आदित्य (सिद्धांत गुप्ता) नेहा (वेदिका पिंटो) से बेहद प्यार करता है, दोनों का नया-नया प्यार है। ऐसे में दोनों नेहा का जन्मदिन सेलिब्रेट करने के लिए, मुंबई के सुनसान इलाके में जाते हैं। दोनों कार में होते हैं। अभी उनके रोमांस की कलियां खिल ही रही होती है, कि दो पुलिस वाले आकर, उन्हें डराने धमकाने लगते हैं। उन्हें सिर्फ पैसे नहीं, बल्कि और भी बहुत कुछ चाहिए होता है। इसके बाद कहानी किस तरह से रिवेंज ड्रामा में बदलती है, यही कहानी की कमजोरी है। कहानी में बहुत अधिक भटकाव हो जाता है और एक अच्छे विषय पर यह औसत सी फिल्म बन कर रह जाती है। क्या अच्छा है इसमें?
कहानी का कांसेप्ट अच्छा है। कहानी के किरदारों का चुनाव भी अच्छा है। कहानी का एंड बेस्ट है, लेकिन पूरी कहानी कमजोर होने की वजह से वह इम्पैक्ट नहीं छोड़ पाती है। क्या पसंद नहीं आया?


कहानी में पूरी तरह से भटकाव है। कानून से जुड़ी कुछ भी नई जानकारी नहीं दी गई है। साथ ही ऐसी कुछ बातें बताई गई हैं, जो मालूम नहीं हों। एक बच्ची के सामने क्राइम सीन क्रिएट करना बहुत अमानवीय पहलू दिखाता है। कहानी रिवेंज ड्रामा बन जाती है। शुरुआत में ही इतना अधिक बिल्ड अप है कि लगता है कि कहानी जल्दी खत्म हो जाए। एक्टिंग परफॉर्मेंसअभिनय के लिहाज से शरद केलकर का काम काफी अच्छा है। नेगेटिव रोल में उन्होंने अच्छा काम किया है। नए कलाकारों में वेदिका पिंटो और सिद्धांत गुप्ता ने शानदार काम किया है। भूमिका चावला के लिए बहुत कुछ करने को नहीं था। वर्डिक्टफिल्म मुश्किल से ऑडियंस के दिलों में जगह बना पाएगी। Review By Divya Shrivastava

Posted By: Kanpur Desk