Patna: City girls का कहना है कि जब dress भी हम अपनी पसंद की पहनते हैं तो शादी जैसे अहम फैसले पर guardians की दखलअंदाजी क्यों? शहर की girls पर इन दिनों world fame पर्सनैलिटी Oprah Winfrey का प्रभाव दिख रहा है.

 

लव मैरिज को प्रेफर रहीं girls
21वीं सदी में यूथ की सोच और उनका अप्रोच हर साल-दर-साल चेंज हो रहा है। पर, जब पटना की यंग गल्र्स से हमने उनके लाइफस्टाइल रिलेटेड व्यूज को जाना और मैरिज एंड रिलेशनशिप पर उन्होंने अपने ख्याल जाहिर किए, तो कुछ बातें जान हम भी थोड़े हैरान रह गए। शहर की गल्र्स को मम्मी-पापा की पसंद के रिश्ते पर बिलीव नहीं है, तो शहर की मैक्सिमम गल्र्स अब पटना को सेफ मानती हैं। शायद इसलिए नाइट शो मूवी देखने के बाद बोरिंग रोड-डाकबंगला जैसे पॉश चौराहे पर रात ग्यारह-बारह बजे तक आइसक्रीम 'चखते' मिल जाएंगे. 

शादी जैसे रिलेशन पर फेथ नहीं
सोशियोलॉजिस्ट के अनुसार हाल के दिनों में शादी जैसे रिलेशंस को लेकर यूथ का विश्वास थोड़ा-बहुत डगमगाया है। पटनाइट्स यूथ इन दिनों लव मैरिज या फिर लव-कम अरेंज मैरिज को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। गल्र्स का मानना है कि जब हम ड्रेस तक अपनी पसंद का पहनते हैं, तो शादी जैसा अहम फैसला गार्जियंस को क्यूं करने दें। वैसे कुछ को शादी जैसे बंधन में यकीन नहीं, सो वे लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहती हैं। मैक्सिमम गल्र्स रिलेशनशिप को लेकर कैजुअल हो गई हैं। उन्हें लगता है कि इसमें कोई बुराई नहीं है। पर, यह भी सच है कि जब कुछ भी 'उलटा-पुलटा' होता है, तो गल्र्स को ही भुगतना पड़ता है। अब भी वो इतनी मेंटली स्ट्रांग नहीं हुई हैं कि आगे एक टूटते रिलेशन को या उसमें मिलने वाले धोखे को संभाल सकें। इसका हालिया एग्जाम्पल एक्ट्रेस जिया खान के केस को भी ले सकते हैं। वह पहले से ही एक इंटिमेट रिलेशन में इंवॉल्व थी, अबार्शन तक करवाना पड़ा था। पर, जब उसे प्यार में धोखा मिला, तो डिप्रेशन में आकर अपनी ही जान ही दे दी. 

बायोलॉजिकल नीड है, तो
शादी से पहले बनने वाले रिलेशंस एक तरह के बॉयोलॉजिकल नीड हैं। यूथ वेस्टर्न कल्चर से इंस्पायर्ड हो रहे हैं। उन्हें अपनी लाइफ में फ्रीडम चाहिए। इकोनॉमिक कंडीशन ठीक होने के बाद शादी करने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है और इसी कारण लव मैरिज की संख्या भी बढ़ी है। समाजशास्त्री रणधीर कुमार सिंह का कहना है कि यूथ की खुली सोच का इफेक्ट ही है कि छोटे-छोटे शहरों में भी अब लिव इन रिलेशनशिप जैसे मोड में रहने में भी उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं है। उनके अनुसार आजकल शादी के लिए स्टैंडर्ड एज गल्र्स के लिए 24 और ब्वॉयज के लिए 26 है और इसी उम्र में शादी कर लेनी चाहिए. 

'अटैच' रहती हैं हर वक्त 
ब्वॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के साथ टाइम स्पेंड करने की जगह के बारे में पूछने पर चालीस फीसदी गल्र्स का फेवरेट अब भी रेस्टोरेंट या कॉफी हाउस ही है। पटना वीमेंस कॉलेज की निवेदिता बताती है कि कॉलेज के आसपास भी एक-दो कॉफी हाउस ओपन हो जाए, तो फिर मजा आ जाएगा। शहर की कॉलेज गल्र्स की फेवरेट ड्रेस जींस-टॉप और कुर्ता है, तो मैक्सिमम सूट और स्कर्ट भी खूब पसंद करती हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स का क्रेज इन दिनों पटनाइट़्स गल्र्स के बीच कुछ ज्यादा ही दिखता है। पैंसठ फीसदी स्टूडेंट्स नेटवर्किंग साइट्स से जुड़े रहने के लिए स्मार्ट फोन्स का यूज करती हैं। वहीं, व्हाट्सएप, वीचैट, लाइन, हाई आदि के जरिए अपने फ्रेंड्स संग चिट-चैट भी कम नहीं हैं। ज्यादातर गल्र्स हमेशा ऑनलाइन रहती हैं, जबकि पच्चीस परसेंट का जब मूड करता है, तब 'ऑन' हो जाती हैं।  

इन्हें तो बस स्मार्ट पर्सनैलिटी चाहिए
शहर की कॉलेज गल्र्स को स्मार्ट पर्सनैलिटी वाले मुंडे पसंद हैं। वैसे क्लीन शेव्ड से ज्यादा हाफ शेव्ड, सटल लुक वाले लड़कों की डिमांड है। सेक्सुअल अट्रैक्शन के मामले पर गुड लुक और गुड फिजिक वाले लड़के पटना की गल्र्स को ज्यादा भाते हैं। एक ही टाइम पर एक से ज्यादा लड़के को डेट करने की बात को हालांकि मैक्सिमम गल्र्स नकार जाती हैं, फिर भी उनका कहना है कि जब लड़के फ्लर्ट कर सकते हैं, तो हम क्यों नहीं। मगध महिला कॉलेज की स्टूडेंट कृतिका का कहना है कि पटना जब मेट्रो सिटी बनने की राह पर है, तो कुछ तो फ्रीडम मिलना ही चाहिए। यकीनन कह सकते हैं कि गल्र्स अब मेट्रो क्लेवर में आ गई हैं, अब सोसायटी की रिस्पांस्बिलिटी ज्यादा बढ़ गई है कि इस हवा को अपने रास्ते से बहकने न दे।

Highlights
65 परसेंट गल्र्स सेलफोन पर बातें नहीं, कुछ और करती हैं. 
15 परसेंट वर्किंग गल्र्स को अनसेफ लगता है शहर. 
90 परसेंट गल्र्स फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होने के बाद करना चाहती हैं शादी. 
65 परसेंट लड़कियों के लिए ब्वॉयज का गुड लुक रखता है मायने।
90 परसेंट गल्र्स को पार्क में टाइम स्पेंड करना ऑक्वर्ड लगता है. 

इंडियन सोसायटी में अब भी शादी की उम्र गल्र्स के लिए 18 और ब्वॉयज के लिए 21 वर्ष है। पर, यूथ इस उम्र में शादी के बंधन में नहीं बंधना चाहते हैं। हर कोई सेट्ल हो जाने के बाद ही अपनी दुनिया बसाना चाहता है और फिर इस बीच के गैप में बॉयोलॉजिकल नीड को पूरा करने के लिए कभी-कभी फिजिकल रिलेशंस भी बना लेते हैं. 
प्रो रणधीर कुमार सिंह, सोशियोलॉजी डिपार्टमेंट, पीयू 

sanjeet.narayan@inext.co.in

 

 

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