प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद हैं कैदी

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कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने 24 मई 2020 को परिपत्र जारी करके 10 अप्रैल 2020 के आदेश से प्रदेश के विभिन्न जेलों से रिहा 2,234 कैदियों की पैरोल बढ़ाने का निर्देश जारी किया है। इसके मद्देनजर सभी संबंधित अधिकारियों को पैरोल बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। इसे देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पैरोल बढ़ाने की मांग में दाखिल अर्जियों को निस्तारित कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अलग से आदेश देने की आवश्यकता नहीं है।

यह आदेश चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने सुशीला देवी की आपराधिक जनहित याचिका पर दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस प्रकोप को देखते हुए सात साल से कम सजा वाले आपराधिक मामले में जेल में बंद कैदियों की रिहाई पर राज्य सरकारों व हाईकोर्ट को गाइडलाइन बनाने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश से एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गयी। कोर्ट ने सुझावों पर विचार कर जेलों में बंद कैदियों की जमानत या पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया था। उसका पालन करते हुए मजिस्ट्रेट जेलों में गये और कैदियों की जमानत या पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है। पैरोल की अवधि पूरी होने से पहले ही राज्य सरकार ने अवधि बढ़ाने का निर्देश जारी किया है, जिसे कोर्ट ने पर्याप्त माना है।

Posted By: Inextlive