- कई चौराहे पर लगता है जाम, हर रोज जाम से जूझते हैं शहरवासी

- अतिक्रमण पर गंभीर नहीं है सरकारी विभाग

मेरठ। जाम और अतिक्रमण को लेकर कई बार प्रशासन स्तर पर आदेश व निर्देश आए। जाम और अतिक्रमण तो खत्म नहीं हुआ, लेकिन आदेश जरूर साफ हो गए। खानापूर्ति के लिए अभियान चलाए गए पर दोबारा से वहां पर अतिक्रमण हो गया।

तीन बार चला अभियान

नगर निगम, प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने मिलकर पिछले साल से अब तक तीन बार अभियान चलाया। जिससे शहर को जाम और अतिक्रमण से निजात मिल सके। लेकिन हर बार अभियान को बीच में रोक दिया गया। कभी प्रशासन तो कभी पुलिस फोर्स न पहुंचने के कारण अभियान को बीच में रोक दिया गया।

चौराहों को जाम से निजात नहीं

शहर के प्रमुख चौराहों की बात करें तो अधिकांश चौराहों को जाम से कभी निजात नहीं मिल पाई। हर बार चौराहों पर अतिक्रमण व वाहनों को हटाया गया, चालान किए गए यही नहीं वाहन तक सीज किए गए। बावजूद इसके लोगों को चौराहों पर जाम से जूझना ही पड़ता है।

कोर्ट के आदेश भी नहीं मानते

नगर निगम, प्रशासन व पुलिस के अधिकारी कोर्ट के आदेश को भी नहीं मानते। इसकी बानगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आरटीआई एक्टिविस्ट ने शहर में अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल डाली। जिस पर कोर्ट ने शहर से अतिक्रमण हटाने के आदेश पर दिए। बावजूद इसके हालत सिफर है।

ई रिक्शा पर नहीं कोई कार्रवाई

अतिक्रमण तो पूरे शहर में है ही इसके अलावा जाम का मुख्य कारणों में से एक ई रिक्शा है। शहर में हजारों ई रिक्शा अवैध रूप से शहर में चल रहे हैं। लेकिन इन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ई रिक्शा चौराहों पर बेतरतीब खड़े रहते हैं। कहीं पर रिक्शा को रोक लेते हैं। जिसके कारण जाम लगता है।

वर्जन

जाम तो शहर के लिए नासूर बन गया है। चौराहों को छोडि़ए अब तो शहर के अंदर के इलाकों में भी जाम लगने लगा है। क्योंकि जाम से बचने के लिए लोग शहर के अंदर गलियों का उपयोग करने लगे हैं।

सागर

शहर में यदि अतिक्रमण हट जाए तो जाम की समस्या आधी से अधिक खत्म हो जाएगी। अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता है। यदि होती भी है तो वह महज खानापूर्ति के लिए।

सुधांशु

नियमों का सख्ती से पालन किया जाए तो शहर से अतिक्रमण और जाम की समस्या दोनों ही खत्म हो जाएंगी। लेकिन न तो लोग नियम का पालन करते हैं और न ही नियम पालन कराने वाले लागू करते हैं।

सोनू

चौराहों पर पुलिसकर्मी खड़े रहते हैं और जाम रहता है। वह एक बार भी जाम को खुलवाने के लिए कोशिश नहीं करते हैं। ऐसे के खिलाफ यदि कार्रवाई हो तो जाम की समस्या खत्म हो सकती है।

अनिल कुमार

वर्जन

शहर में अतिक्रमण को लेकर अभियान चलाए जा रहे हैं। कार्रवाई भी सुनिश्चित की जा रही है। शहर में अब जाम की समस्या थोड़ी खत्म हो गई है। अभियान जारी रहेगा।

दिनेश यादव, कार्यवाहक संपत्ति अधिकारी नगर निगम

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नगर निगम ने हटाया अतिक्रमण

फोटो

मेरठ। नगर निगम की टीम ने शनिवार को मेडिकल कॉलेज से लेकर राधा गोविंद इंजीनियरिंग कॉलेज तक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। नगर निगम कर निरीक्षक नरेश सिवालिया के नेतृत्व में टीम शनिवार को मेडिकल पहुंची। टीम ने जाते ही सड़क के किनारे अवैध रूप से रखे खोखों को हटाया गया। इस दौरान टीम को विरोध भी झेलना पड़ा। नगर निगम की टीम व लोगों के बीच खासी नोकझोंक भी हुई। लेकिन पुलिस बल होने के कारण लोग शांत हो गए।

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मेरठ कालिंग

अतिक्रमण है बरकार, आखिर शहर की यातायात व्यवस्था में कैसे होगा सुधार ?

सोनिया सिंह

अतिक्रमण का हल स्थायी होना चाहिए। अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उसके बाद रोड खाली हो जाएंगी।

विनोद राणा

नगर निगम अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाता है, लेकिन जाम से मुक्ति नहीं मिलती है, जाम का मुख्य कारण अतिक्रमण है।

हरीश कुनियाल

कुछ दुकानदार भी अतिक्रमण कर लेते हैं, ऐसे दुकानदारों के खिलाफ भी कुछ कार्रवाई होनी चाहिए।

Posted By: Inextlive