-इंडियन पब्लिक लाइब्रेरी मूवमेन्ट उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय मंडलीय संगोष्ठी का आयोजन

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PRAYAGRAJ: ईश्वर शरण परास्नातक महाविद्यालय एवं इंडियन पब्लिक लाइब्रेरी मूवमेंट उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को सार्वजनिक पुस्तकालय चुनौतियां व समाधान विषय पर एक दिवसीय मंडलीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्राचार्य डॉ। आनन्द शंकर सिंह ने कहा कि पाठकों में रीडिंग हैबिट की निरंतरता बनाएं रखना एक चुनौती है। कहा कि सार्वजनिक पुस्तकालय को डोर टू डोर लाइब्रेरी कान्सेप्ट लागू करने की आवश्यकता है।

मोबाइल एप्लीकेशन बनाने का सुझाव

कार्यक्रम के चीफ गेस्ट उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ। टीएन दुबे ने जोर दिया कि सर्वजन की सहभागिता के बिना सार्वजनिक पुस्तकालयों का सुधार सम्भव नहीं है। उन्होंने सार्वजनिक पुस्तकालयों के लिए मोबाइल एप्लीकेशन बनाने का भी सुझाव दिया। विशिष्ट अतिथि पुस्तकालयाध्यक्ष इलाहाबाद केन्द्रीय पुस्तकालय के डॉ। बीके सिंह ने कहा कि लोगो के रीडिंग हैबिट में कोई कमी नहीं हुई है, बल्कि वह दूसरे रूप में परिवर्तित हो गई है।

आंकड़े चिंता की बात

कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ। सत्यव्रत शुक्ल ने किया। विवेक, राज्य समन्वयक व आयोजक इंडियन पब्लिक लाइब्रेरी मूवमेंट उत्तर प्रदेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 22 करोड लोगों के लिए केवल 2000 ही पब्लिक लाइब्रेरी है जोकि अन्य प्रदेशों से काफी कम है, यह एक चिन्ताजनक विषय है। संगोष्ठी में उच्च न्यायालय के उप। पुस्तकालयाध्यक्ष विष्णु श्रीवास्तव, कालेज ऑफ टीचर एजुकेशन के पुस्तकालयाध्यक्ष राजेश गुप्ता, सेवायोजन कार्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ। सुग्रीव सिंह, केन्द्रीय राज्य पुस्तकालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ। सुरेन्द्र सिंह यादव, इंडियन पब्लिक लाईब्रेरी मूवमेण्ट उत्तर प्रदेश के समन्वयक आलोक त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।

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मठाधीशी के विरोध में है नई शैक्षिक नीति: फोटो

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PRAYAGRAJ: ईश्वर शरण पीजी कॉलेज के फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ। राजेश कुमार गर्ग एसोसिएट प्रोफेसर ने अकादमी लीडरशिप पर अपनी बात रखी। डॉ। गर्ग ने बताया कि नई शैक्षिक नीति पुरानी शिक्षा की जड़ता और मठाधीशी के विरोध में है। स्पष्ट किया कि भारतीय अकादमिक नेतृत्व आत्मकेन्द्रित है। द्वितीय सत्र में मुख्य वक्ता डॉ। गोविंद दास, प्राचार्य श्यामा प्रसाद मुखर्जी महाविद्यालय ने शिक्षक के दायित्व एवं अधिकार पर अपना व्याख्यान दिया। प्रशिक्षण सत्र के दौरान समन्वयक डॉ। धीरज कुमार चौधरी, सह समन्वयक डॉ। आनन्द सिंह तथा प्रतिभागी श्वेता द्विवेदी, डॉ। समीर सिंह, डॉ। अरविन्द मिश्रा, डॉ। अविनाश पाण्डेय, डॉ। रागिनी राय आदि उपस्थित रहे।

Posted By: Inextlive