अन्‍य दूसरी नौकरियों की बजाए सेना की जॉब करने वाले कम जिंदगी जीते हैं। जी हां जब तक अन्‍य सरकारी कर्मचारी 60 साल की उम्र में रिटायर होते हैं पूर्व सैनिक औसतन 64 साल की उम्र में जिंदगी को अलविदा कह देते हैं। यह हम नहीं पांचवें वेतन आयोग के एक सर्वे में खुलासा हुआ था। यही वजह है कि अपने हक के लिए पूर्व सैनिक वन रैंक वन पेंशन लागू करवाने के लिए पिछले 40 साल से भी ज्‍यादा समय से संघर्ष कर रहे हैं। आइए एक खुलासे में जानते हैं कौन सी जॉब करने वाले जीते हैं भरपूर लाइफ...

जल्दी रिटायरमेंट, जल्दी मौत
सेना में जॉब करने वाले सैनिक जल्दी रिटायर कर दिए जाते हैं और वे जल्दी मर भी जाते हैं। पांचवे वेतन आयोग ने सरकारी कर्मचारियों पर एक सर्वे किया था जिसमें यह बात सामने आई। पांचवें वेतन आयोग के लिए यह सर्वेक्षण एक सरकारी एजेंसी ने किया था. सर्वे कहता है कि :

जॉबऔसत उम्र
1- सिविलियन सर्विसेज77 वर्ष
2- रेलवे कर्मचारी78 वर्ष
3- सैन्य कर्मचारी
i- OR (हवलदार तक)59.6 से 64 साल
ii- JCOs67 साल
iii- Officers72.5 साल


सैनिकों की जिंदगी सरकारी कर्मचारियों से 20 साल कम

पूर्व सैनिकों का मानना है कि सैन्य जीवन बहुत कठिन होता है। कठिन तैनाती और हर समय आंखों के सामने नाचती मौत से सैनिक हमेशा स्ट्रेस में रहते हैं। उन पर अपना मोराल ऊंचा रखने का दबाव रहता है। जॉब के दौरान वे तलवार की धार पर चलते हैं इधर गल्ती उधर मौत और देश की सुरक्षा खतरे में। इतने तनाव के बाद जब परिवार-बच्चों की जिम्मेदारी सर पर आती है दूसरे शब्दों में कहें तो जब उनकी जिम्मेदारी चरम पर होती है तो वे रिटायर कर दिए जाते हैं। उस तुर्रा ये कि पेंशन भी कम. जबकि उनकी इस उम्र में सरकारी कर्मचारी नौकरी पर होते हैं और पूरा वेतन पा रहे होते हैं। बच्चों की पढ़ाई, नौकरी, शादी वगैरह की चिंता में वे समय से पहले बूढ़े हो जाते हैं और मर जाते हैं।
7वें वेतन आयोग से गुहार, 1973 से पहले वाली स्थिति लागू हो
आपको बताते चलें कि सैनिकों की कठिन सेवा शर्तों और जोखिम भरी लाइफ स्टाइल को देखते हुए 1973 से पहले उन्हें वन रैंक वन पेंशन तो दिया ही जाता था साथ ही सामान्य सरकारी सेवाओं के मुकाबले 15 प्रतिशत तक ज्यादा पेंशन भी दी जाती थी। 1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी वाली कांग्रेस सरकार ने यह व्यवस्था खत्म कर दी थी। उसके बाद पूर्व सैनिकों को भी अन्य सरकारी कर्मचारियों जितनी पेंशन मिलने लगी और उनके दुर्दिन शुरू हो गए। तभी से पूर्व सैनिक वन रैंक वन पेंशन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

कहां कितनी मिलती है पूर्व सैनिकों को पेंशन
देशज्यादा (अन्य सरकार नौकरियों के मुकाबले)
अमेरिका20 प्रतिशत तक
ब्रिटेन10 प्रतिशत
फ्रांस15 प्रतिशत
पाकिस्तान15 प्रतिशत तक
जापान29 प्रतिशत तक
भारत0 प्रतशित यानी बराबर
 


Source: IESM (पूर्व सैनिकों का संगठन)
Report by: satyendra.singh@inext.co.in

Posted By: Satyendra Kumar Singh