आउट ऑफ स्टॉक हुआ माल, होलसेलर्स झेल रहे करोड़ों का नुकसान

मास्क की हो रही कालाबाजारी, स्टॉकिस्ट ने खड़े किए हाथ

- 4 गुना दाम बढ़ गए हैं मास्क के मांग बढ़ने पर

- 2 से ढाई रूपये तक मिलता है यह मास्क होलसेल में अभी तक

- 7 रूपये तक मास्क की कीमत हो गई है कोरोना वायरस के खतरे से

- एन-95 मास्क की हो रही है सबसे ज्यादा किल्लत

Meerut । कोरोना वायरस की दहशत के चलते बाजार से मास्क आउट ऑफ स्टॉक हो गए है। क्वालिटी मास्क ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। एकाएक बढ़ी मांग की वजह से सप्लायर्स ने मास्क के दाम चार गुना बढ़ गए हैं। मास्क की कालाबाजारी क चलते होलसेलर्स ने भी हाथ खींचने शुरु कर दिए हैं। जिसका सीधा असर बाजार पर पड़ रहा है। डिमांड बढ़ने के बावजूद अधिकतर मेडिकल स्टोर्स पर मास्क नहीं मिल रहे हैं।

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ये है स्थिति

बाजार में कई तरह के मास्क मिलते हैं। इनमें सबसे नार्मल हरे रंग का टू प्लाई-थ्री प्लाई मास्क होता है। ये मास्क होलसेल में 2 से ढाई रूपये तक मिल जाता है लेकिन अब इनकी कीमत 7 रूपये तक पहुंच गई है। सबसे ज्यादा किल्लत एन-95 मास्क की हो रही है। होलसेल में 50 से 100 रूपये में जाना वाल ये मास्क 400 रूपये तक पहुंच गया है। वहीं जाली वाला काला मास्क जो पहले होलसेल में 4 से 5 रूपये में जा रहा था अब 20 से 25 रूपये में मिल रहा हैं। वहीं मल्टीनेशनल कंपनीज ने भी अपने मास्क के रेटों में जबरदस्त बढोत्तरी कर दी है।

स्टॉक खत्म, कालाबाजारी शुरु

मेरठ के मेडिसिन होलसेल मार्केट में मास्क को लेकर इन दिनों बहुत मारामारी चल रही है। मास्क की आपूर्ति न होने की वजह से कालाबाजारी शुरु हो गई है। होलसेलर्स का कहना है कि 2 से ढाई रूपये में मिलने वाला जनरल मास्क भी अब होलसेल में ही 5 से 7 रूपये का मिल रहा है। जबकि बाहर से आने वाले मास्क का स्टॉक इन दिनों पूरी तरह से बैन हो गया है जबकि जिनके पास पुराना स्टॉक है वह मनमाने रेट पर इन्हें बेच रहे हैं।

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करोड़ों का हो रहा नुकसान

बीमारियों का सीजन होने बावजूद मास्क के होलसेलर्स करोड़ों का नुकसान झेल रहे हैं। मेरठ की बात करें तो यहां छोटे-बड़े मिलाकर मास्क के 30 से 35 होलसेलर्स हैं। सीजन में करीब हर महीने का 20 से 25 लाख का टर्नओवर मास्क का रहता है। इस बार लेकिन मामला उल्टा हो गया है। कारोबारियों का कहना है कि डिमांड होने के बावजूद हम महंगे दामों पर मास्क मंगवा ही नहीं पा रहे हैं। ऐसे में हर दिन नुकसान झेल रहे हैं। अन्य दिनों के मुकाबले इन दिनों मास्क की डिमांड कई प्रतिशत बढ़ी हुई है। पहले जहां दस हजार मास्क की डिमांड रहती थी वहीं अब ये एक लाख- दो लाख मास्क तक पहुंच रही है।

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इनका है कहना

मास्क मिलना मुश्किल हो गया है। मैन्यूफैक्चर्स की तरफ से दाम कई गुना बढ़ गए हैं। महंगे रेट्स पर हम मास्क मंगवा ही नहीं पा रहे हैं। सप्लाई आ ही नहीं रही है। बाजार में मास्क की मारामारी चल रही है।

मनोज शर्मा, होलसेलर, शर्मा सर्जिकल स्टाेर खैरनगर

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कंपनियों के पास मास्क मिल ही नहीं रहे हैं। लोकल कंपनीज ने रेट्स हाई कर दिए हैं। अधिकतर सर्जिकल सामान चीन से आता है। बाहर से माल आ नहीं आ रहा है। रेट पर बहुत असर पड़ रहा है। आने वाले समय में दवाइयों और सर्जिकल आइट्म्स पर भी असर पड़ सकता है।

गगन जैन, होलसेलर, जैन सर्जिकल स्टोर

Posted By: Inextlive