ओवर स्पीड का खेल, करा रहा मौत से मेल
नंबरगेम
656 मौतें ओवर स्पीड के कारण 187 मौतें शराब पीकर वाहन चलाने पर 262 मौतें रॉन्ग साइड ड्राइविंग से 112 मौतों का कारण मोबाइल पर बात करना - यातायात नियमों की अनदेखी से हर साल प्रदेश में हो रही हजारों मौतें - परिवहन विभाग ने यातायात नियमों के उल्लंघन से हुए हादसों की रिपोर्ट जारी कीLUCKNOW: सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए परिवहन विभाग ने कई योजनाएं बनाई और उन पर काम भी किया। इसके लिए करोड़ों रुपए भी खर्च किए गए, लेकिन इसका कोई खास असर लोगों पर नहीं दिखाई दिया। परिवहन विभाग की ओर से जारी सड़क हादसों में मरने वालों की रिपोर्ट इसी ओर इशारा कर रही है। इस रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाकर रोड पर चलने वाले असमय ही मौत के मुंह में समा रहे हैं। इसमें भी सर्वाधिक मौतें ओवर स्पीड के कारण हो रही हैं।
नहीं लगे स्पीड गर्वनर ओवर स्पीड के चलते होने वाले हादसों की संख्या में इजाफे के बाद भी प्रदेश में प्राइवेट वाहनों को छोडि़ए, कामर्शियल वाहनों में भी स्पीड गर्वनर अभी तक नहीं लगे हैं। वहीं शराब पीकर वाहन चलाने पर भी लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं।इतनी भी क्या जल्दी है
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार लोगों की जल्दबाजी भी सड़क हादसों का एक बड़ा कारण है। बहुत से हादसे मोबाइल के कारण हो रहे हैं। फोन आने पर लोग वाहन रोकने की भी जहमत नहीं उठाते हैं और ड्राइव करते समय ही मोबाइल पर बात करते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं। वहीं रेड लाइट पर वाहन न रोकने से भी सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। कोट प्रदेश में एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बार भी यूपी में सामने आए दुर्घटनाओं के आंकड़े सर्वाधिक हैं। इन्हें कम करने के लिए सामूहिक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस बार वृहद रूप से तैयारी की गई है। ऐसे में इस बार दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आएगी। गंगाफल अपर परिहवन आयुक्त सड़क सुरक्षा बाक्स रिपोर्ट एक नजर में 2017 में जनवरी से दिसम्बर तक की रिपोर्ट टाइप ऑफ ट्रैफिक वाइलेंस फैटल दुर्घटना गंभीर दुर्घटनाएं सामान्य हादसे मारे गए लोग गंभीर रूप से घायलओवर स्पीडिंग 647 585 176 656 719
ड्र्रंकन ड्राइविंग 155 311 51 187 156ड्राइविंग ऑन रोड साइड 280 104 75 262 233
जम्पिंग रेड लाइट 30 37 186 44 54यूज ऑफ मोबाइल फोन 151 217 58 112 537
बाक्स नियमों को मानने वाले भी शिकार इस रिपोर्ट से साफ है कि ऐसी दुर्घटनाएं भी हुई हैं, जिनमें लोग यातायात नियमों के अनुसार रोड पर चल रहे थे। इनमें 88 फैटल एक्सीडेंट हुए। इनमें 155 लोग मारे गए और 118 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। बाक्स नहीं पता चला कारण 415 दुर्घटनाएं गंभीर दुर्घटनाओं की लिस्ट में तो शामिल हैं लेकिन किन कारणों से हादसे हुए, इसका किसी को पता नहीं चला। इन दुर्घटनाओं में 518 लोगों की जान गई, वहीं 662 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। बाक्स बच्चों का भी सहारा लोगों को यातायात के नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रदेश में सड़क सुरक्षा पर भाषण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। कोशिश रही कि बच्चों को इस अभियान से जोड़ा जाए, ताकि वे भी लोगों को गलत ड्राइविंग से सचेत करें। इस कंप्टीशन में अच्छे विचार प्रस्तुत करने वाले बच्चों को पुरस्कार के रूप में एक-एक लाख रुपए तक की धनराशि दी गई है।