- ताल के पानी में लगातार बढ़ रहा है ऑर्गेनिक सिल्ट

- इसके चलते खड़ा होने लगा है ताल के अस्तित्व पर संकट

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हर सुबह और शाम रामगढ़ताल के किनारे हवाखोरी करने वालों का तांता। ताल से सटी सड़क से गुजरते हुए हवा के झोंकों से मदमस्त हो कह उठते हैं वाह, ये है गोरखपुर का मरीन ड्राइव। लेकिन इन दिनों ये ताल किस कदर बदहाल है, इसका अंदाजा न तो इन मॉर्निग वॉकर्स को है और न ही उन जिम्मदारों को, जिनके ऊपर रामगढ़ताल की लय और ताल बनाए रखने का दारोमदार है। नतीजा, गोरखपुर की 'मरीन ड्राइव' रामगढ़ताल की सांस फूलने लगी है। इसकी वजह बना है, ताल का बढ़ता तापमान। पिछले कुछ अरसे से जिस तरह से रामगढ़ताल में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है, उसने इस मशहूर विरासत की जिंदगी खतरे में डाल दी है। डीडीयूजीयू के जूलॉजी डिपार्टमेंट (एन्वायरमेंटल साइंस) की तीन छात्राओं ने रामगढ़ताल पर रिसर्च किया है। इस रिसर्च में जो हकीकत सामने आई है, वह आंखें खोल देने वाली है।

अब तो जाग जाओ

अस्मिता शर्मा, प्रतिभा शुक्ला और सरवत जहां ने प्रोफेसर डीके सिंह के अंडर में यह रिसर्च की है। यह रिसर्च जनवरी 2016 की सैंपलिंग के आधार पर की गई है। इस रिसर्च में सामने आया है कि ताल में ऑर्गेनिक सिल्ट की मात्रा इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि ताल का तापमान बढ़ने लगा है। ताल का पानी भी गंदा दिखाई देने लगा है। ताल में सिल्ट और गंदगी की मात्रा बढ़ने से टर्बिडिटी (गंदलापन) मानक बढ़ रहा है। इस कारण पानी के अंदर धूप नहीं पहुंच रही है और ऑक्सीजन की कमी हो रही है। इससे ताल में मछलियों की जिंदगी पर खतरा बढ़ गया है। रिसर्चर्स का दावा है कि बारिश होने पर यह गंदगी ताल पर औ ज्यादा असर डालेगी। वजह, बरसात के पानी के साथ गंदगी भी ताल में जाएगी।

बढ़ रही मुश्किल

रिसर्चर्स का दावा है कि इन तमाम वजहों से ताल की जल संरचना में बहुत बड़ा परिवर्तन हो रहा है। इसमें यूट्रीफिकेशन क्षमता बढ़ती जा रही है। इसके कारण ताल के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है।

ऐसे बढ़ रहा है संकट

ऑब्जेक्ट मानक वर्तमान

तापमान 20-22 डिग्री

टर्बिडिटी 5 एनटीवी 20 एनटीवी

पीएच 5-8 10.02

टीडीएस 1500एमजीआईएल 2000-2500 एमजीआईएल

ताल में ये हैं खतरनाक बैक्टीरिया

- सेलमानेला टाइफी

- वीब्रीयो कौलेश

- ई। कोलाई

- कलोस्ट्रीडिया

यह हो सकती हैं बीमारियां

ताल में बढ़ते प्रदूषण के चलते इसके पानी से कई तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं। इनमें प्रमुख हैं

- चर्म रोग

- टाइफाइड

- कोलैरा

- थाइराइड

- इंसेफेलाइटिस

वर्जन बाकी है

Posted By: Inextlive