भारत ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह स्थित मिलिट्री बेस पर हाइटेक समुद्री पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट और जासूसी ड्रोन तैनात कर दिए हैं। भारत का यह कदम हिंद महासगर में चीन की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए अहम माना जा रहा है। भारत के पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट एंटी सबमरीन और एंटी सरफेस वारफेयर को अंजाम देने में सक्षम हैं। ये दुश्मन की पनडुब्बी को देखते ही खत्म कर देंगे।


दो हफ्ते पहले हुई तैनातीभारत ने दो हफ्ते पहले अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर अपने सबसे शक्तिशाली एयरक्राफ्ट पसाइडन-8i को तैनात कर दिया है। अंडमान निकोबार रणनीतिक रूप से अहम है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक नेवी और एयरफोर्स के इजरायली हवाई सर्चर II व्हीकल्स भी अस्थायी तौर पर यहां तैनात किए गए हैं।ऐसा है पसाइडन-8i एयरक्राफ्ट


अपने आप में यह बेहद उम्दा हथियार है, जो पलक झपकते दुश्मन का सफाया कर देगा। इसके ऑपरेटिंग रेंज 1200 नॉटिकल माइल है। इसकी अधिकतम रफ्तार 907 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसको रडार से लैस किया गया है। लिहाजा यह हथियार खुफिया और हर तरह के जासूसी जोखिमों से निपटने में भी सक्षम है। ये खतरनाक हारपून ब्लॉक II मिसाइल MK 54 लाइटवेट विध्वंसक रॉकेट और बारूद से पूरी तरीके से लैस है। P 8I जरूरत और स्थितियों को भांपकर दुश्मन की पनडुब्बियों और युद्धपोतों को पल भर में ही पानी में मिला सकता है।अमेरिका से 2009 में हुआ था सौदा

भारत ने चीन की सैन्य क्षमता को मात देने के लिए ऐसे आठ एयरक्राफ्ट हाल ही में अपने नौसेना बेड़े में शामिल किए हैं। इनका सौदा 2009 में अमेरिकन कंपनी बोइंग से 2.1 बिलियन डॉलर में हुआ था। इन्हें तमिलनाडु के अराक्कोनम स्थित आईएनएस रजाली नेवल एयर स्टेशन के बेड़े में शामिल किया गया था। चार अन्य P 8I को शामिल करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। P 8I के जरिए पोर्ट ब्लेयर से पूरे क्षेत्र को सुरक्षित कर उस पर नजर रखी जा सकती है।

Posted By: Prabha Punj Mishra