पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के दो और मामले दर्ज करने की मंजूरी मिली है। हालांकि अपने इलाज को लेकर इस वक्त वह लंदन में हैं।

लाहौर (पीटीआई) पाकिस्तान के भ्रष्टाचार रोधी निकाय ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार के और मामलों को दायर करने की मंजूरी दे दी है, जो वर्तमान में चिकित्सा उपचार के लिए लंदन में हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार द्वारा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के 70 वर्षीय सुप्रीमो के खिलाफ भ्रष्टाचार के पांच मामले शुरू किए गए हैं, जिन्हें पनामा पेपर्स मामले में जुलाई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने पद से हटा दिया था। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के क्षेत्रीय बोर्ड ने अपने महानिदेशक शहजाद सलीम की अध्यक्षता में नवाज, उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ, बेटी मरियम नवाज और 13 अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और संपत्ति के कब्जे से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों आय की जांच को लेकर चर्चा की।

चेयरमैन की मंजूरी के बाद दर्ज किया जाएगा मामला

इस बैठक के दौरान, बोर्ड ने तीन बार देश के पीएम रहे नवाज, जियो मीडिया ग्रुप के संस्थापक मीर शकीलुर्रहमान और दो अन्य के खिलाफ 34 साल पुराने 6.75 एकड़ भूमि को लेकर भ्रष्टाचार के अन्य मामले दर्ज करने की मंजूरी दी। एनएबी-लाहौर ने दोनों मामलों को अपने चेयरमैन न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त जावेद इकबाल को जवाबदेही अदालत में दाखिल करने से पहले उनकी अंतिम मंजूरी के लिए भेज दिया है। एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, 'अगले हफ्ते एनएबी अध्यक्ष की मंजूरी के बाद दो मामलों में शरीफ परिवार के सदस्यों के खिलाफ मुकदमे लाहौर के अदालत में दायर किए जाएंगे।' मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले में, शरीफ परिवार पर 7 अरब पाकिस्तानी रुपए ठगने का आरोप है।अधिकारी ने कहा, 'नवाज, शाहबाज और मरयम को इस मामले में मुख्य संदिग्ध घोषित किया गया है।' राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अधिकारियों के अनुसार, शरीफ ने 1986 में जंग समूह के प्रधान संपादक मीर शकीलुर रहमान को अवैध रूप से जमीन लीज पर दिया था, तब वह पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे।

एनएबी ने शरीफ को एक प्रश्नावली भेजी

गौरतलब है कि नवाज शरीफ को देश में कई मामलों का सामना करना पड़ रहा है। 27 मार्च को एनएबी ने शरीफ को एक प्रश्नावली भेजी और उन्हें अपना बयान दर्ज करने के लिए 31 मार्च को ब्यूरो कार्यालय में बुलाया। 15 मार्च को फिर से, एनएबी के लाहौर कार्यालय ने शरीफ को 20 मार्च को ब्यूरो के सामने पेश होने के लिए बुलाया लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। 12 मार्च को एनएबी ने मामले में रहमान को गिरफ्तार किया। वह 28 अप्रैल तक रिमांड पर ब्यूरो की हिरासत में थे। लाहौर उच्च न्यायालय ने शरीफ को चार सप्ताह के लिए चिकित्सा आधार पर विदेश जाने की अनुमति दी थी, इसके बाद इलाज के लिए वह नवंबर में लंदन के लिए रवाना हो गए।

Posted By: Mukul Kumar