जम्‍मू-कश्‍मीर में बाढ़ की वजह से आई तबाही के बावजूद पड़ोसी मुल्‍क अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा. बाढ़ की वजह से दूरदर्शन और आकाशवाणी का प्रसारण ठप हो जाने के बाद पाकिस्‍तानी चैनलों के माध्‍यम से घाटी के लोगों के बीच अफवाहें फैलाने से जुड़ी खबरें सामने आई हैं. हालांकि भारत सरकार ने इस बात की खबर मिलते ही तुरंत ही डीडी कश्‍मीर का प्रसारण दिल्‍ली से शुरू करवाया.

आतंकी घुसपैठ की साजिश
खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ की आड़ में पाकिस्तानी आतंकी घुसपैठ कर सकते हैं. एजेंसी ने केंद्र सरकार को पाक में चल रहे आतंकी ठिकानों का एक नक्शा सौंपा है. बताया जा रहा है कि पीओके में तहस-नहस हुये आतंकी प्रशिक्षण केंद्र से आतंकी भारतीय सीमा में प्रवेश कर सकते हैं. आपको बता दें कि सीमा रेखा पर कुछ जगहों पर लगे तारों के बाड़ भी बह गये हैं. इस वजह से घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों को एक मौका मिल गया है. सूत्रों का कहना है कि राहत कार्य में लगी सेना को इसके मद्देनजर सतर्क कर दिया गया है. सीमा पर सैटेलाइट और अन्य तरीके से इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
कम हुआ बाढ़ का पानी
आपको बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर में बाढ़ का पानी घटने लगा है, लेकिन अब मुसीबतें और बढ़ गई हैं. सेना ने अभी तक 1 लाख लोगों की जान बचाई है, वहीं अभी भी 5 से 6 लाख लोग बाढ़ में अब भी फंसे हैं. कई जगह ऐसी हैं जहां पर सेना भी नहीं पहुंच पा रही है. गौरतलब है कि 2 सितंबर को हुई बारिश और बाढ़ की वजह से 240 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. लाखों लोग खाना-पानी और दवाइयों की कमी से जूझ रहे हैं. इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बाढ़ पीडि़तों को तीन महीने तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की है.
पी रहे हैं कीचड़ का पानी
सेना के लोग बता रहे हैं कि ऐसी सूचना मिली है कि गांवों में सैकड़ों लोग फंसे हुये हैं. वहां पहुंचना बहुत मुश्किल हो रहा है, उनके मकान बह गये हैं. इसके अलावा उनके पास खाने को कुद नहीं है. बताया जा रहा है कि वहां पर लोग कीचड़ वाला पानी पी कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. इसके साथ ही सेना के जो जवान कश्मीर में लोगों को बचाने में लगे हुये हैं, उनके परिजन भी खतरे में हैं, लेकिन अपने परिजनों की परवाह किये बिना जवान दिन-रात लोगों को बचाने में लगे हुये हैं. 

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari