पाकिस्तान की एक अदालत ने एक मुस्लिम प्रोफेसर को ईश निंदा के आरोप में शनिवार को मौत की सजा सुनाई है। बता दें कि प्रोफेसर को ईश निंदा के आरोप में 2013 में ही गिरफ्तार किया गया था।


इस्लामाबाद (पीटीआई)। पाकिस्तान की अदालत ने शनिवार को एक चर्चित मुस्लिम प्रोफेसर जुनैद हफीज को ईश निंदा के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। मुल्तान में बहाउद्दीन जकारिया विश्वविद्यालय (बीजेडयू) के अंग्रेजी साहित्य विभाग में विजिटिंग लेक्चरर रहे हफीज को पुलिस ने 23 मार्च 2013 को गिरफ्तार कर लिया था और उसपर ईश निंदा के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले की सुनवाई 2014 में शुरू हुई थी। सजा सुनते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश काशिफ कय्यूम ने हाफिज को पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की धारा 295-सी के तहत 5 लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया। इसके वाला डिफॉल्ट के मामले में वह छह महीने जेल की सजा काटेगा।ईश निंदा में हिंदू प्रिंसिपल पर FIR, सिंध में हंगामा और तीन मंदिरों में तोड़फोड़भारी सुरक्षा के बीच प्रोफेसर को रखा गया
हफीज को न्यू सेंट्रल जेल मुल्तान के हाई-सिक्योरिटी वार्ड नंबर 2 में रखा गया है। उसके पिछले वकील, राशिद रहमान की 2017 में उनके कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अदालत का फैसला सुनाए जाने से पहले, हाफिज के माता-पिता ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा से मामले को देखने की अपील की थी और उन्होंने उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को देखते हुए बेटे के लिए न्याय की मांग की थी। उन्होंने यह भी कहा कि हाफिज ईश निंदा के झूठे आरोप में पिछले छह साल से जेल में बंद है।& बता दें कि पाकिस्तान में ईश निंदा बेहद संवेदनशील मुद्दा है। इस मामले में दोषी या आरोपी को जान का खतरा होता है।

Posted By: Mukul Kumar