Kartarpur Corridor: भारत से करतारपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों को नहीं होगी पासपोर्ट की जरूरत
इस्लामाबाद (पीटीआई)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को घोषणा की है कि भारत के सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर जाने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी और 9 नवंबर को कॉरिडोर के उद्घाटन के दिन उनसे कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा। खान ने ट्वीट किया, 'भारत से करतारपुर की तीर्थयात्रा आने वाले सिखों के लिए मैंने दो आवश्यकताओं में रियायत दी है। पहला-उन्हें पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, उनके पास बस एक वैध आईडी होनी चाहिए। दूसरा-उन्हें अब 10 दिन पहले पंजीकरण नहीं करना होगा। साथ ही, उद्घाटन के दिन और गुरुजी के 550वें जन्मदिन पर उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।'
बाद में प्रत्येक तीर्थयात्रियों को करना होगा 20 डॉलर का भुगतान
बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित करतारपुर में दरबार साहिब से जोड़ेगा। भारत और पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते कॉरिडोर को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब में वीजा-मुक्त यात्रा करने की अनुमति देगा। यह समझौता प्रतिदिन 5,000 भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने की अनुमति देगा, जहां गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे। प्रत्येक तीर्थयात्रियों को शुल्क के रूप में 20 डॉलर का भुगतान करना होगा, हालांकि भारत ने पाकिस्तान से भारतीय तीर्थयात्रियों से शुल्क नहीं लेने का अनुरोध किया है।
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9 नवंबर को पीएम मोदी करेंगे करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे और गुरु नानक देव की जयंती समारोह के अवसर पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले पहले तीर्थयात्रियों को रवाना करेंगे। एक दिन पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने करतारपुर कॉरिडोर और 550 वें प्रकाश पर्व समारोह के उद्घाटन के लिए डेरा बाबा नानक और सुल्तानपुर लोधी में व्यवस्थाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी तैयारियां सही से चल रही हैं।