पाकिस्तानी सेना ने एक बार फि‍र नियंत्रण रेखा यानी कि‍ एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन क‍िया है। उसने पुंछ जिले के शाहपुर सेक्टर में भारतीय सेना की चौकियों और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाते हुए रातभर फायर‍िंग की है। इस दौरान एक सैन्य अधिकारी समेत 4 भारतीय जवान शहीद हो गए। यहां पढ़ें पाक‍िस्‍तान क्‍यों करता है सीजफायर और क्‍या है ये एलओसी व‍िवाद...


पाक ने किया सीजफायरपाकिस्तान ने रविवार को दोपहर 3 बजे के करीब गोलाबारी सुंदरबनी सेक्टर में शुरू की। इसके बाद उसकी गोलीबारी का सिलसिला नहीं रुका। पाकिस्तान ने भारतीय चौकियों और रिहायशी क्षेत्रों पर निशाना साधते हुए रात तक गोलाबारी जारी रखी। राजौरी के तरकुंडी सेक्टर में पाकिस्तान ने गोले बरसाए। भारतीय सेना की बारूद पोस्ट बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इतना ही नहीं रिहायशी इलाकों को निशाना बनाते हुए 120 एमएम के मोर्टार तक दागे हैं। इस दौरान सीमा सुरक्षा बल 126वीं बटालियन के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आजाद सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उल्लंघन कर शुरुआत


इसके अलावा 15 जैकलाइ यूनिट के कैप्टन कपिल कुंडू, सिपाही शिविम सिंह, हवालदार राम अवतार व सिपाही रोशन लाल शहीद हो गए। इससे एक बार फिर सीमा पर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। बतादें कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आने वाला है। वह अक्सर ही एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन करता है। पाकिस्तानी रेंजर्स कुछ दिनों की शांति के बाद पाकिस्तान की ओर से सीमा पर तनाव बढ़ाने की कोशिश करने लगते हैं। इसके लिए पाकिस्तान एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन कर शुरुआत करता है। यह है एलओसी विवाद

एलओसी यानी कि लाइन ऑफ कंट्रोल भारत और पाकिस्तान के बीच खींची गयी 740 किलोमीटर लंबी सीमा रेखा है। दोनों ही देशों के बीच इस रेखा को लेकर विवाद रहता है। यह रेखा 1947 में दोनों देशों के बीच हुए युद्ध को विराम देकर खींची गयी थी। इस युद्ध में पाक ने कश्मीर के कई भागों में आक्रमण किया था। ऐसे में भारतीय सेनाओं ने कश्मीर की सुरक्षा की थी। इस दौरान उत्तरी भाग में भारतीय सेना ने पाक सेना को को कारगिल सेक्टर से पीछे श्रीनगर-लेह राजमार्ग तक पछाड़ दिया था। एलओसी को बहाल कियाइसके बाद 1965 में पाकिस्तान ने फिर आक्रमण किया किन्तु लड़ाई में गतिरोध होने से यथास्थिति 1971 तक बनी रही। 1971 में बांग्लादेश युद्ध के उत्तर में पाकिस्तान ने फिर कश्मीर पर आक्रमण किया। इस दौरान दोनों ही देशों ने एलओसी के दोनों ओर एक दूसरे की चौकियों पर नियंत्रण किया था। भारत ने एलओसी के उत्तरी भाग में लद्दाख क्षेत्र से करीब 300 वर्ग मील भूमि पर कब्जा किया था। इसके बाद 1972 में शिमला समझौते में शांतिवार्ता के बाद एलओसी को बहाल किया गया था।

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Posted By: Shweta Mishra