पाकिस्तान के बोलने और एक्शन लेने में कितना डिफरेंस का इसका एक और प्रूफ सामने आया है. 2011 के मुबई टैरेरिस्ट अटैक के एक्यूज जकी उर रहमान लखवी को डिटेन करने के ऑर्डस को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया है.


पेशावर आर्मी स्कूल पर टैरेरिस्ट अटैक के बाद तीखे तेवर दिखा कर टैरेरिस्टस को उनके अंजाम पर पहुंचाने के बड़े बड़े दावे करने वाले पाकिस्तान को इंडिया ने पूरा सर्पोट और सिंपैथी दिखाई थी बदले में पाकिस्तान ने भी अपने यहां से टैरेरिस्ट मूवमेंट को कंट्रोल करने का प्रॉमिस भी किया था. लेकिन उसके नेक्स्ट डे ही पाकिस्तान की जेल में बंद मुंबई हमले की कांस्पॉरेसी बनाने के मामले में एक्यूज्ड जकी उर रहमान लखवी को वहां की कोर्ट से बेल मिल गयी थी. इसके बाद इंडिया के नराजगी दिखाने के बाद उसे डिटेन करने की बात की गयी. लेकिन अब लखवी के जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पाकिस्तान सरकार के लखवी को कस्टडी में रखने के ऑर्डर को आज रिजेक्ट कर दिया है.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने लखवी के केस की हियरिंग करते हुए पाकिस्तान सरकार के उसको जेल में रखने के नोटिफिकेशन को खरिज कर दिया. यानि अब उसे बेल मिल जाएगी और वो जेल से बाहर आ सकेगा. पहले पाकिस्तान की एक कोर्ट ने 26/11 मुंबई अटैक के मास्टर माइंड कहे जाने वाले जकी उर रहमान लखवी को 18 दिसंबर को बेल दे दी थी. इस पर इंडिया ने स्ट्रांग रियेक्शन देते हुए पाकिस्तान पर टैरेरिज्म पर डबल स्टैंडर्ड फॉलो करने का एलिगेशन लगाया था.  जवाब में पाकिस्तान सरकार ने लखवी को जेल में ही रखने का नोटिफिकेशन रिलीज किया था. जिसे अब हाई कोर्ट के डिसीजन ने सस्पेंड कर दिया है. मुंबई अटैक से कंसर्न रखने वालों का मानना है कि बेल मिलने से लखवी 26/11 केस की हियरिंग में इंटरफियर कर सकता है. वो विटनेसेज को थ्रेट करके उन्हें स्टेटमेंट बदलने पर मजबूर करने के लिए अपने पॉवर का इस्तेमाल कर सकता है.

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Posted By: Molly Seth