अफ़ग़ानिस्तान के अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान के उत्तरी वज़ीरिस्तान प्रांत में सुरक्षाबलों के चरमपंथियों के ख़िलाफ़ सेना के ऑपरेशन के कारण क़रीब सात हज़ार लोगों ने औरतों और बच्चों के साथ सीमा-पार कर अफ़ग़ानिस्तान में शरण ली है.


अफ़ग़ान अधिकारियों के मुताबिक पिछले क़रीब तीन-चार हफ़्तों के दौरान उत्तरी वज़ीरिस्तान में चरमपंथियों के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाइयों के तेज़ होने के कारण डूरंड लाइन के क़रीब अफ़ग़ानिस्तान के सूबे ख़ोस्त की ओर पलायन में बढ़ोत्तरी हुई है.पाकिस्तान की सरकार ने उत्तरी वज़ीरिस्तान में किसी नई सैन्य कार्रवाई का अभी तक कोई संकेत नहीं दिया है. सरकार का कहना है कि हालिया सैन्य कार्रवाईयां केवल चरमपंथियों हरकतों का उत्तर भर हैं.स्थानीय लोग सीमा पार कर अफ़ग़ानिस्तान में शरण ले रहे हैं.तालिबान का पर्चाकुछ दिन पहले उत्तरी वज़ीरिस्तान में स्थानीय तालिबान के नेता हाफ़िज़ गुल बहादुर ने एक पर्चा भी बाँटा था जिसमें लोगों से कहा गया था कि सरकारी कैंपों में जाने के बजाए ऐसे इलाक़ों में पलायन करें जहाँ से अफ़ग़ानिस्तान जाना आसान हो.


इस पर्चे के बाँटे जाने के बाद से उत्तरी वज़ीरिस्तान से पलायन में बढ़ोत्तरी हुई है. ऐसी भी जानकारियाँ हैं कि कराची में एयरपोर्ट पर चरमपंथियों के बड़े हमले के बाद से भी उत्तरी वज़ीरिस्तान से पलायन में भारी बढ़ोत्तरी हुई है.कराची में हमले के बाद से लोगों में तालिबान के ख़िलाफ़ सेना के बड़े ऑपरेशन को लेकर आशंकाएँ हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से विदेशी लड़ाके जिनमें उज़बेक, तुर्कमान, चेचन लड़ाके और हक़्क़ानी नेटवर्क के चरमपंथी भी शामिल हैं, पलायन कर ख़ुफ़िया अड्डों की ओर चले गए हैं.जानकारी के एक मुताबिक शरणार्थियों के लिए एक सरकारी कैंप भी शुरू किया गया है लेकिन अभी तक वहाँ कोई नहीं पहुँचा हैं.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari