अमेरिका में रहने वाली एक पाकिस्तानी महिला ने अदालत में माना है कि उसने खतरनाक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को बिटक्वाइन के जरिये पैसे दिए थे। इस जुर्म के लिए उसे 20 साल की सजा हो सकती है।

न्यूयॉर्क (आईएएनएस)। पाकिस्तान मूल की एक अमेरिकी महिला जोबिया शाहनाज (27) ने संघीय अदालत में माना कि उसने खतरनाक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को पैसे देने के लिए बिटक्वाइन का इस्तेमाल किया था। जोबिया ने सोमवार को न्यूयॉर्क के केंद्रीय इस्लीप संघीय अदालत में न्यायाधीश जोना सेबर्ट के सामने यह बात कबूला। कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने बताया कि अदालत में महिला ने माना कि वो पहले क्रेडिट कार्ड और लोन फ्रॉड करके पैसे जुटाती थी और उन पैसों को बिटक्वाइन और अन्य क्रिप्टोकर्रेंसीज में बदलकर इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और अल-शाम (आईएसआईएस) को भेज देती थी। फिलहाल इस मामले में उसे सजा नहीं हुई है, वकीलों का कहना है कि जब उसे सजा सुनाई जाएगी तो उसे कम से कम 20 साल की सजा हो सकती है।

टुकड़ों में भेजा करती थी पैसे

बिटक्वाइन और क्रिप्टोकर्रेंसीज वर्चुअल कंप्यूटर से उत्पन्न मुद्राएं हैं, जिन्हें सरकारें आसानी से ट्रैक नहीं कर पाती हैं। ऐसे मुद्राओं का इस्तेमाल सीमाओं पर नकदी लेन-देन के लिए किया जाता है। जुलाई 2017 में शाहनाज को संयुक्त आतंकवाद टास्क फोर्स (जेटीटीएफ) ने गिरफ्तार कर लिया था, वह न्यूयॉर्क हवाई अड्डे से पाकिस्तान जाने की तैयार कर रही थी और वहां से तुर्की के माध्यम से सीरिया जाने वाली थी। गृह सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता टायलर हौल्टन ने बताया कि जोबिया अमेरिका में अपने रिश्तेदारों के यहां साधारण वीजा पर आई थी, चूंकि उसके रिश्तेदार भी अमेरिकी नागरिक थे इसलिए बाद में वह भी यहां की नागरिक बन गई। अदालत में जमा दस्तवेजों के मुताबिक, जोबिया न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में टेकनीशियन के रूप में काम करती थी, उसने धोखाधड़ी करके ढेर सारे पैसे जुटाए और उन्हें टुकड़ो में आईएसआईएस को भेजा करती थी।

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Posted By: Mukul Kumar