पाकिस्‍तान में पेशावर के आर्मी स्‍कूल पर हुए हमले की रिपोर्ट‍िंग करने गईं पत्रकार और टीवी चैनल एंकर रोती मांओं और बिलखते बापों के गम को देखकर खुदकर को रोक नही पाए और फूट-फूटकर रोने लगीं.


बच्‍चों के गम में रोए टीवी पत्रकार
पाकिस्‍तान के पेशावर में हुए आतंकी हमले की रिपोर्टिंग करते वक्‍त कई पत्रकार बिलख-बिलख कर रोने लगे. पाकिस्‍तानी के एक प्रमुख चैनल की एंकर सनम बलोच हाथ में शमा जलाए हुए अपनी बात कहने की कोशिश कर रहीं थी तभी वह अपने आप पर काबू नहीं रख पाईं और रोने लगीं. सनम ने रोते-रोते कहा, , आप लोग बात कर रहे हैं, हमारे मुस्तकबिल की कितनी शम्माएं किसी ने बुझा दीं. दिल को दिलासे देते हैं, दिल को बहलाते हैं, सब ठीक हो जाएगा अब नहीं होगा, बहुत चीखे हैं, बहुत चिल्लाए हैं. आज मैंने सोचा है बल्कि मैं सोच रही हूं कल से कि चीखना जरूरी है?, चिल्लाना जरूरी है? आपकी खामोशी सबसे बड़ी चीख होती है, आपकी खामोशी को जो शख्स सुन सकता है आपकी लफ्जों को वह नहीं सुन सकता. मैं कोशिश करूंगी, लेकिन मेरी मजबूरी है मुझे बोलना पड़ेगा यहां पर. लेकिन खामोशी है, आज मैं खामोश हूं, आज मैं नहीं चीखूंगी, बोलूंगी कौन गलत है, कौन सही है? सिर्फ उन वालदेन को अल्लाह मियां सब्र दे, बस उनको हिम्मत दे. आज तो मुझे मुस्तकबिल से भी कोई उम्मीद नहीं है, कुछ दिन बाद फिर इसी तरह शम्माएं जलाकर बैठे होंगे हम लोग.


एंकर ने टीवी पर जताई नाउम्‍मीदगी
इस दौरान सनम ने रोते हुए कहा कि, आज मैं नाउम्मीद हूं, आज मुझे पहली दफा लग रहा है कि अब कुछ सही नहीं होगा, अगर सही होना होता तो आज सही हो चुका होता, आज ये शम्माएं मुझे किसी की याद में इस तरह जलाकर न बैठना पड़ता. ये बेबसी है, आज मैं पहली बार नाउम्मीद हुई हूं. अब उन्हें अपने मुस्तकबिल से कोई उम्मीद नहीं है. गौरतलब है कि कुछ फील्‍ड रिपोर्ट्स को अपने आपकों कंट्रोल करते देखा जा सकता है.

Posted By: Prabha Punj Mishra