- पति-पत्नी ने 3-3 पैन कार्ड बनवा चार बैकों से लिया करीब 1.63 करोड़ का लोन

- छह पैन से लिए गया लोन एकाउंट एनपीए घोषित, गारंटर ने पीएम, सीएम, आयकर और सेल टैक्स डिपार्टमेंट से की कंप्लेन

GORAKHPUR: शहर में एक चौंका देने वाला फ्रॉड का मामला प्रकाश में आया है। गोरखपुर के एक बिजनेसमैन जितेन्द्र मौर्य ने अपने और अपनी पत्नी के नाम से तीन-तीन पैन कार्ड बनवाए। इसका गलत यूज करके उसने चार अलग-अलग बैंकों से 1.63 करोड़ रुपए का लोन भी पास करा लिया। ये आरोप शहर के एक बिल्डर युवराज पाठक ने लगाया है। युवराज जितेन्द्र के एक लोन में बतौर गारंटर भी शामिल हैं। किश्त टूटने पर बैंक द्वारा लोन अकाउंट एनपीए घोषित होने पर युवराज को जितेन्द्र के कारनामे की खबर हुई। जिस पर उन्होंने पीएम, सीएम, आरबीआई गवर्नर, प्रधान आयकर आयुक्त के साथ ही एसएसपी से भी कंप्लेन की है। जिसके बाद से जितेन्द्र मौर्य के डॉक्युमेंट्स की जांच शुरू हो गई है।

डॉक्युमेंट्स बनाने में एक्सपर्ट है जितेन्द्र

आरोप है कि लक्ष्मी फर्नीचर के प्रोपराइटर जितेन्द्र मौर्य और शुभ ट्रेडर्स की प्रोपराइटर जितेन्द्र की पत्नी के नाम से तीन-तीन पैन कार्ड हैं। जितेन्द्र ने एक फ्लैट गंगानगर थाना शाहपुर में लोन लेकर खरीदा है। युवराज पाठक जितेन्द्र के पूर्व परिचित थे इसलिए फ्लैट के लिए पीएनबी बैंक से लिए गए लोन में युवराज को गारंटर बनाया था। लोन की किश्त टूटने पर जितेन्द्र द्वारा कई बैकों से लोन लेने की खबर युवराज को लगी। युवराज ने और जानकारी जुटाई तो पता चला कि जितेन्द्र कोई भी डॉक्युमेंट बनाने में एक्सपर्ट है।

एनपीए हो गया लोन एकाउंट

जितेन्द्र और उसकी पत्नी के नाम से चार बैंक एकाउंट नॉन परफॉर्मिग एसेट्स (एनपीए) घोषित कर दिए गए हैं। इसका मतलब अब लोन जमा होने की बहुत कम उम्मीद बची है। लोन डूबने की कंडीशन में अब बैंक प्रबंधन के सामने उनकी प्रॉपर्टी नीलाम करने के सिवा कुछ और रास्ता नहीं बचा है।

यहां से लिया है लोन

लक्ष्मी फर्नीचर के नाम से पीएनबी विकास भवन गोरखपुर से 40 लाख रुपए की सीसी लिमिट कराई गई है। इसी तरह पीएनबी देवरिया से 28 लाख रुपए का हाउसिंग लोन लिया गया है। शुभ ट्रेडर्स के नाम से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 40 लाख रुपए का लोन लिया गया है। इसी तरह बैंक ऑफ महाराष्ट्रा की गोलघर ब्रांच से 25 लाख रुपए का लोन लिया गया है। आरोप है कि इन सभी लोन में फर्जी कागजात के साथ ही नाम की स्पेलिंग बदलकर बनाए गए छह पैन कार्ड का यूज किया गया है।

नाम और स्पेलिंग बदल बनाए कार्ड

आरोप है कि जितेन्द्र ने बड़ी ही चालाकी से नाम की स्पेलिंग और पिता का नाम बदलकर पैन कार्ड बनवाए हैं। जबकि कानूनन एक व्यक्ति एक से अधिक पैन कार्ड नहीं बनवा सकता है।

बंद आ रहा मोबाइल फोन

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने इस संबंध में जितेन्द्र मौर्य से भी बात करने की कोशिश की लेकिन जितेन्द्र का मोबाइल फोन स्विच ऑफ मिला।

वर्जन

एक से अधिक पैन कार्ड बनवाना गलत कृत्य है। कंप्लेन आने पर इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

- नित्यानंद ठाकुर, प्रधान आयकर आयुक्त

कोई भी व्यक्ति एक पैन कार्ड से अधिक नहीं बनवा सकता है। बैंक में पब्लिक मनी होती है। इस तरह चीटिंग करने वाले को सात साल तक की सजा का प्रावधान है।

गौरव अग्रवाल, सीए

Posted By: Inextlive