-प्रत्याशियों के बीच लगातार बनी है मारपीट और धक्का-मुक्की की नौबत

-खिड़कियों पर उमड़ रही भारी भीड़, लापता है पुलिसिया इंतजाम

ALLAHABAD: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नामांकन का तीसरा चरण मंगलवार से शुरू हो गया लेकिन जिला पंचायत कार्यालय में अव्यवस्थाओं का आलम जस का तस है। भीषण गर्मी में प्रत्याशी पसीना बहाने को मजबूर हैं। एक खिड़की पर दो-दो ब्लॉकों का नामांकन होने की वजह से भारी भीड़ उमड़ रही है, जिससे धक्कामुक्की और मारपीट की स्थिति बनी हुई है। इसे रोकने के लिए पंचायत भवन के भीतर पुलिस इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।

घंटों करना पड़ रहा इंतजार

मंगलवार से शुरू हुए तीसरे चरण के नामांकन में गंगापार के सोरांव, फूलपुर, होलागढ़, मऊआइमा और बहरिया को शामिल किया गया है, जिसके चलते पंचायत भवन का माहौल काफी गर्म रहा। सैकड़ों की संख्या में प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे, जिनको काबू करने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। नामांकन के लिए तीन तीन खिड़कियां बनाई गई हैं। एक खिड़की पर दो ब्लॉक का नामांकन होने की वजह से प्रत्याशियों की लंबी लाइन लगी रही। ऐसे में उन्हें अपनी बारी का घंटों इंतजार करना पड़ा। कई बार प्रत्याशियों के बीच धक्का-मुक्की और मारपीट की नौबत आई। उनको रोकने के लिए पुलिस बल भी मौके से नदारद रहा।

दस को मिलेगा चुनाव चिह्न

बुधवार को भी तीसरे चरण का नामांकन जारी रहेगा। आठ अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच और नौ को पर्चा वापसी होगी। दस को चुनाव चिह्न आवंटित किया जाएगा। क्7 अक्टूबर को तीसरे चरण का मतदान होना है। मंगलवार को पंचायत भवन के भीतर ही नहीं बाहर भी हजारों की संख्या में भीड़ मौजूद रही, जिससे आवागमन बाधित हो गया। सड़क के दोनों ओर चार पहिया वाहनों की लंबी लाइन लगी होने से कचहरी जाने वालों को निकलने में जाम से जूझना पड़ा।

जेबकतरों की चांदी

पंचायत भवन के अंदर से पुलिस के नदारद रहने का फायदा जेबकतरे उठा रहे हैं। प्रत्याशियों के समर्थकों के साथ अंदर पहुंचने वाले चोर-उचक्के लोगों की जेब काटने में लगे हुए हैं। इसी आपाधापी में वकीलों ने मंगलवार को एक व्यक्ति को पकड़ लिया और जमकर पीटा।

नियमों का उल्लंघन

जिलेभर में आचार संहिता का पालन कराने में जुटे प्रशासन की नाक के नीचे ही नियमों का उल्लंघन जारी है। पंचायत भवन के भीतर सरकारी दीवारों पर प्रिटिंग प्रेस वालों के प्रचार पम्फ्लेट और बैनर लगे हुए हैं। जिनमें चुनाव प्रचार सामग्री तैयार कराने वाली फर्मो के नाम छपे हुए हैं। लोगों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बावजूद प्रशासन इन्हें हटाया नहीं है। सरकारी भवनों पर कामर्शियल प्रचार-प्रसार को बैन किया गया है।

Posted By: Inextlive