-पं। दीनदयाल उपाध्याय के 100वें जन्मशती समारोह में पूर्व उप प्रधानमंत्री ने की शिरकत

-लघु फिल्म के जरिए प्रतिभा आडवाणी ने दिखाई तिरंगा बनने की महायात्रा

Meerut: आजादी के दौरान महात्मा गांधी, पं। जवाहर लाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल से मैं मिला? कोई मुझसे यह सवाल करेगा तो मैं कहूंगा कि, हां मिला। पं। दीनदयाल उपाध्याय वे शख्सियत हैं, जिनमें देश के तमाम महापुरुषों की छवि है। वे मेरे प्रेरणास्रोत और राजनैतिक गुरु थे।

पं। दीनदयाल की देन है भाजपा

सोमवार को मेरठ में सीसीएस यूनीवर्सिटी कैंपस स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षाग्रह में पं। दीनदयाल उपाध्याय सेवा संस्थान की ओर से दीनदयाल उपाध्याय की 100वीं जन्मशती समारोह आयोजन किया गया। देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने इस समारोह में शिरकत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। कहा कि उन्होंने देश की आजादी के आंदोलन को देखा है, आजादी के बाद आए राजनैतिक परिवर्तन में पं। दीनदयाल का विशेष योगदान रहा है। भाजपा ने देश की राजनीति में जो स्थान पाया वो पं। दीनदयाल की देन है, पार्टी आज जिस दिशा में अग्रसर है, वो उन्हीं की परिकल्पना का हिस्सा है। वरिष्ठ नेता ने उनके योगदान को श्यामाप्रसाद मुखर्जी से भी ज्यादा माना। पंडित दीनदयाल के साथ लंबे समय तक रहने एवं काम करने के अनुभव को अपनी पूंजी कहा। मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर पं। दीनदयाल की मौत को एक ऐसा हादसा आडवाणी ने बताया जिसे भूल पाना उनके लिए आज भी मुश्किल है।

तिरंगा की निर्माण यात्रा पर फिल्म

दीनदयाल उपाध्याय सेवा संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उनके संबोधन से पहले उनकी पुत्री प्रतिभा आडवाणी की राष्ट्रीय ध्वज पर बनाई गई सिनेमैटिक तिरंगा फिल्म दिखाई गई। आडवाणी ने फिल्म के अंशों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रतिभा ने इसके माध्यम से संदेश, उत्साह और ज्ञान देने का प्रयास किया है। लंबे वक्त बाद मेरठ आने के प्रसंग से संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि उन्हें पंडित दीनदयाल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, नानाजी देशमुख जैसे लोगों का भरपूर सानिध्य मिला। पुत्री प्रतिभा के बारे में कहा कि वह बचपन से फिल्मों की शौकीन रही हैं। कहा, वह तिरंगा समेत उनकी सभी फिल्मों से वाकिफ हैं। तिरंगा पर बनी फिल्म की तारीफ करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी एवं स्कूली बच्चे इस महान यात्रा के तमाम पड़ाव से रूबरू हो सकेंगे। ऋग्वेद से लेकर आजादी तक ध्वजों का इतिहास फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष है। संस्थान की स्मारिका दयाल का इस दौरान विमोचन हुआ।

ये रहे मौजूद

आयोजन में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, मेयर हरिकांत अहलूवालिया, संस्था के विनोद भारद्वाज, डॉ। विनोद कुमार शर्मा, डॉ। ब्रजभूषण शर्मा, गोपाल गुप्ता, डॉ। एमएस जैन, मोहनलाल कपूर, शकुंतला कौशिक, यूनीवर्सिटी के प्रोवीसी प्रो। एसएस सिंह आदि के अलावा कई स्कूल-कॉलेजों के शिक्षक और छात्र मौजूद थे।

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इनसेट

सांप निकलने से मची खलबली

आडवाणी के आयोजन स्थल पहुंचने से ठीक दस मिनट पहले प्रेक्षागृह के गेट पर सर्प के निकलने से खलबली मच गई। करीब पांच फीट लंबे सर्प के निकलने से आडवाणी की सुरक्षा में लगे जवानों के साथ-साथ पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में सुरक्षाकर्मियों ने सांप को रास्ते से हटाया।

वापस लौटे विधायक

आयोजन स्थल पर देरी से पहुंचे भाजपा विधायक रवींद्र भड़ाना उचित स्थान न मिल पाने पर वापस लौट गए। यही नहीं पूर्व उप प्रधानमंत्री की आगवानी में भाजपाइयों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई तो वहीं आयोजन स्थल पर भी एक-दो पदाधिकारी ही मौजूद थे। आडवाणी ने भी अपने वक्तव्य में भाजपा के एक भी नेता का नाम नहीं लिया।

Posted By: Inextlive