क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : राजधानी में पानी का संकट और बढ़ता ही जा रहा है. टैंकर से भी लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं घरों के बोरिंग भी जवाब दे चुके है. ऐसे में हरमू के लोग अपना ठिकाना बदलने लगे हैं. अपना घर बार छोड़ सैकड़ों लोग रिश्तेदारों के यहां शरण ले लिए हैं. आलम यह है कि कई घरों में रखवाली के लिए बस एक-एक व्यक्ति टिके हुए हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी को लेकर शहर में क्या हालात हैं. इसके बावजूद नगर निगम लोगों को पानी पिलाने में फेल साबित हो रहा है.

एक महीने बाद ही लौटेंगे घर

रातू रोड से लेकर हरमू, कडरू, अशोक नगर, डोरंडा इलाके में ग्राउंड वाटर का लेवल काफी नीचे जा चुका है. इस वजह से ही लोग घर छोड़कर चल गए हैं. अब ये लोग एक महीने बाद ही अपने घरों में वापस आएंगे. चूंकि बरसात शुरू होने के बाद ही बोरिंग में पानी का लेवल बढ़ेगा. जिसके बाद ही उन्हें जरूरत का पानी नसीब हो पाएगा.

रेंटर भी ढूंढ रहे नया ठिकाना

ड्राइ जोन इलाकों में कई लोग तो पानी की परेशानी के बाद भी अपना मकान नहीं छोड़ पा रहे हैं. लेकिन यहां रेंट पर रह रहे लोग पानी की समस्या को देखते हुए नए ठिकाने की तलाश कर रहे हैं. वहीं कई लोगों ने नया आशियाना भी ढूंढ लिया है. हाल ये है कि यहां दिनभर की मशक्कत के बाद भी उन्हें पीने का पानी नहीं मिल पा रहा था.

दूसरों के घरों से ला रहे पानी

बोरिंग ने पानी देना बंद कर दिया है. एचवाईडीटी भी फेल हो चुके हैं. नगर निगम के टैंकर भी प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. ऐसे में दूर से लोग पानी लाकर दैनिक काम निपटा रहे हैं. वहीं पीने के लिए उन्हें जार का पानी खरीदना पड़ रहा है.

------

क्या कहते हैं लोग

पानी की समस्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. दिनों दिन हमारे एरिया में पानी के लिए मारामारी करनी पड़ती है. घंटों खड़े रहने के बाद भी एक बाल्टी मिलता है. उससे आदमी क्या काम करेगा. डिप्टी मेयर से भी इसकी कंप्लेन की गई है.

राकेश सिंह

घर में दस लोग हैं तो पानी भी उसी हिसाब से चाहिए. हमने तो अपने परिवार को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है. आखिर इतने लोगों के लिए हर दिन पानी कहां से आएगा. टैंकर आता भी है तो थोड़ा पानी मिलता है. उतने से ही गुजारा कर रहे हैं.

संजय पाल

Posted By: Prabhat Gopal Jha