>RANCHI: हमारे हिस्से का पानी हमारी आंखों के सामने निकालकर हमें ही महंगे दाम में बेचा जा रहा है। लेकिन हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि जो इसे कंट्रोल कर सकते हैं, वे चुपचाप बैठे हुए हैं। जी हां, आज कल शहर में धड़ल्ले से चले रहे पानी के कारोबार की ही बात कर रहे हैं। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि बिना रोक-टोक के लोग एक कमरे से दूसरे कमरे में बाटलिंग प्लांट लगाकर धरती का सीना चीर कर पानी लूट रहे हैं। नतीजन एक ओर जहां ग्राउंड वाटर पाताल में जा रहा है, वहीं कुआं और चापाकल भी सूखने लगे हैं। ऐसे में लोग अपना ही पानी महंगे दाम में खरीदने के लिए विवश हैं।

डेली निकाल रहे 80 हजार लीटर पानी

रांची की जमीन से डेली करीब 80 हजार लीटर पानी बॉटलिंग प्लांट के जरिए निकालकर बोतल और जार में भरकर बेचा जा रहा है। शहर में पानी का यह कारोबार हर महीने भ्0 से लेकर 7 करोड़ रुपए पार कर रहा है। यह आंकड़ा खुद रांची नगर निगम और ग्राउंड वाटर विभाग सर्वे रिपोर्ट का है। रांची शहर में अवैध पानी के दोहन को लेकर सर्वे कराया गया था। इसके बाद डीप बोरिंग पर प्रतिबंध लगा दिया गया। तब रांची नगर निगम का तर्क था कि डीप बोरिंग की आड़ में ही बोतलबंद पानी का बिजनेस करने वाले लोग अपना धंधा चमका रहे हैं। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही डीप बोरिंग पर लगा यह प्रतिबंध हट गया और फिर शुरू हो गया पानी का यह कारोबार।

नहीं है कोई गाइडलाइन

ग्राउंड वाटर निकालकर बॉटलिंग बिजनेस को लेकर झारखंड सहित रांची में अब तक सरकार ने कोई स्पष्ट कानून नहीं बनाया है। न इसे लेकर कोई स्पेसिफिक गाइड लाइंस बनी है। इसका फायदा उठाकर पानी का अवैध दोहन किया जा रहा है, जिसका खामियाजा रांची की धरती और लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

Posted By: Inextlive