रांची : पलामू सहित राज्य में पारा शिक्षकों की अवैध नियुक्ति की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से जांच होगी। शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने शुक्रवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी पदाधिकारी - जिला शिक्षा अधीक्षक, बीडीओ या बीईईओ - दोषी होंगे, वे बख्शे नहीं जाएंगे। वहीं, स्पीकर डॉ। दिनेश उरांव ने इस मामले की जांच के लिए विधानसभा की एक कमेटी के गठन की बात कही। यह कमेटी सितंबर के अंतिम सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट विधानसभा सचिवालय को देगी। स्पीकर ने तबतक के लिए अवैध रूप से नियुक्त पारा शिक्षकों के विरुद्ध किसी तरह का दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया। वे पद पर बहाल रहेंगे तथा मानदेय भी मिलेगा।

435 पारा शिक्षकों का मामला

विधायक राधाकृष्ण किशोर ने पलामू के छतरपुर तथा नवाडीह प्रखंडों में 435 पारा शिक्षकों को अवैध नियुक्ति के आधार पर हटाने का मामला उठाया। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने पलामू के डीडीसी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी की उस रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की थी, जिसमें इन पारा शिक्षकों की नियुक्ति में प्रखंड शिक्षा समितियों से अनुमोदन नहीं लिए जाने का उल्लेख करते हुए नियुक्ति को अवैध बताया गया था। इसपर विधायक ने कहा कि जांच के दौरान पारा शिक्षकों से प्रखंड शिक्षा समिति के अनुमोदन के दस्तावेज मांगे गए थे, जबकि ये दस्तावेज पारा शिक्षकों के पास नहीं, प्रखंड शिक्षा समितियों के पास ही हो सकते हैं।

रिपोर्ट में विरोधाभास

उन्होंने डीडीसी की कमेटी के पहले भी दो भिन्न कमेटियों द्वारा इसकी जांच होने की जानकारी देते हुए कहा कि दोनों कमेटियों की रिपोर्ट में विरोधाभास था। एक ने कुछ पारा शिक्षकों की नियुक्ति को सही ठहराया था तो दूसरे ने गलत। इसपर जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि पारा शिक्षकों की अवैध नियुक्ति की लगातार शिकायत मिल रही थी। मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी यह मामला आया था। डीडीसी की जांच में छतरपुर में कार्यरत 633 पारा शिक्षकों में 251 तथा नवाडीह में 440 में 184 की नियुक्ति अवैध पाई गई। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि हटाए गए पारा शिक्षकों ने जो कार्य किए हैं उस अवधि का उन्हें मानदेय दिया जाएगा। यह भी कहा कि इसमें जो भी पदाधिकारी दोषी हैं, उनके विरुद्ध एसीबी से जांच कराकर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस जवाब से असंतुष्ट राधाकृष्ण किशोर ने विधानसभा की कमेटी गठित करने की मांग की, जिसपर स्पीकर ने अपनी स्वीकृति दे दी। बता दें कि पलामू सहित कई जिलों में पारा शिक्षकों की अवैध नियुक्ति होने की बात सामने आई है। कोडरमा में भी बड़ी संख्या में पारा शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद इसकी जांच करा रहा है।

मंत्री ने कहा, वैध नियुक्ति का दस्तावेज नहीं दे सके पारा शिक्षक

रांची : शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने सदन को बताया कि जांच रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि पारा शिक्षकों को अवैध नियुक्ति पर अपना पक्ष रखने तथा वैध नियुक्ति का दस्तावेज देने का समय दिया गया था, लेकिन वे इसमें असफल रहे। इसपर भाजपा के ही विधायक राधाकृष्ण किशोर ने मंत्री पर गलत जवाब देने का आरोप लगाया। डीडीसी की कमेटी द्वारा की गई तीसरी जांच को भी गलत ठहराते हुए कहा कि मामला कोर्ट में जाएगा तो पारा शिक्षकों को हटाने का आदेश दो मिनट में खत्म हो जाएगा। उन्होंने सही जांच होने तक पारा शिक्षकों को बहाल रखने तथा मानदेय देने की मांग की।

Posted By: Inextlive