पैराडाइज पेपर्स के खुलासे ने दुनिया के कई देशों की नींद उड़ा दी है। इस मामले में बॉलीवुड सहित बीजेपी और अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की कंपनी का नाम भी उजागर हुआ है। हम आपको दुनिया के सात सबसे बड़े खुलासों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्‍होंने दुनिया को हिलाकर रख दिया। इंटरनेशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स यानी आईसीआईजे ने कई खुलासे किए है।


पैराडाइज पेपर्स लीक
पनामा पेपर्स के बाद कालेधन को लेकर अब  पैराडाइज पेपर्स के तौर पर एक बार फिर बड़ा खुलासा हुआ है। जर्मनी के जीटॉयचे साइटुंग नामक अखबार ने पैराडाइज पेपर्स का खुलासा किया है। आईसीआईजे के पत्रकारों ने मिल कर पैराडाइज पेपर्स लीक का खुलासा किया है।। पैराडाइज पेपर्स में 1.34 करोड़ दस्तावेज शामिल हैं। इस खुलासे के जरिये उन फर्मों और फर्जी कंपनियों के बारे में बताया गया है जो दुनिया भर में अमीर और ताकतवर लोगों का पैसा विदेशों में भेजने में उनकी मदद करते हैं। इन पेपर्स में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई मंत्रियों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदू के लिए कोष जुटाने वाले और वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन ब्रॉन्फमैन ने पूर्व सीनेटर लियो कोल्बर के साथ मिलकर विदेशों में कर पनाहगाहों में करीब 6 करोड़ डॉलर का निवेश कर रखा है। रूस की ऊर्जा फर्म में व्लादिमीर पुतिन के दामाद का नाम भी सामने आया है। पूरी लिस्ट में कुल 180 देशों के नाम हैं। इसमें 714 भारतीयों के नाम सामने आए हैं। अभिनेता अमिताभ बच्चन, नीरा राडिया, नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा, भाजपा से राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, विजय माल्या, फोर्टिस-एस्कॉर्ट्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ. अशोक सेठ, अभिनेता संजय दत्त की पत्नी मान्यता का भी नाम है। मान्यता का असली नाम दिलनशीं है। बहामास रजिस्ट्री में जमा दस्तावेज के मुताबिक दिलनशीं को अप्रैल 2010 में नसजय कंपनी लिमिटेड का प्रबंध निदेशक और ट्रेजरर नियुक्त किया गया।राजीव गांधी पर विकीलीक्स का खुलासाविकीलीक्स के खुलासे ने तब भारत में हलचल मचा दी थी जब उसने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर खुलासा किया था। राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने से पहले स्वीडन की एक विमान बनाने वाली कंपनी के लिए मध्यस्थ का काम करते थे ताकि वो अपने जहाज भारत को बेंच सके। कांग्रेस सरकार के दौरान हुए इस खुलासे ने राजनीति के मैदान में हंगामा मचा दिया था।  स्विस लीक्स 2015


आईसीआईजे ने 2015 में स्विस लीक्स का खुलासा कर दुनिया को हैरान कर दिया था। इस जांच पड़ताल में 45 देशों के सैकड़ों पत्रकार शामिल थे। फरवरी 2015 में जारी हुई रिपोर्ट में एचएसबीसी प्राइवेट बैंक जोकि एक स्विस बैंक है पर पूरा फोकस था। लीक हुई फाइलों में 2007 तक के खातों की जानकारी थी। ये खाते 200 से अधिक देशों के 1 लाख लोगों और कानूनी संस्थाओं से संबंधित थे। इसमें मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक, ट्यूनिशिया के पूर्व राष्ट्रपति बेन अली और सीरिया के नेता बशर अल-असद की हुकूमतों के करीबियों का भी नाम आया था। इसका डेटा फ्रेंच-इटैलियन सॉफ्टवेयर इंजीनियर और विसलब्लोअर एर्वी फैल्सियानी द्वारा लीक किए गए डेटा पर आधारित था।ऑफशोर लीक्स 2013ऑफशोर लीक्स खुलासे को अंतरराष्ट्रीय कर धोखाधड़ी के सबसे बड़े पर्दाफ़ाश के तौर पर देखा जाता है। आईसीआईजे और इसके समाचार भागीदारों ने अप्रैल 2013 में रिपोर्ट को 15 महीनों की पड़ताल के बाद सार्वजनिक किया था। करीब 25 लाख फाइलों ने वर्जिन आइलैंड्स और कुक आइलैंड्स जैसी जगहों पर 1 लाख 20 हजार से ज्यादा कंपनियों और ट्रस्टों के नाम उजागर किए थे। इसमें पैसों का हेरफेरइमेज कॉपीरइट गिटी इमेजेस हमेशा की तरह राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों और उनके परिजनों के नाम और रूस के कुछ जाने-माने नाम भी थे। साथ ही चीन, अजरबाइजान, कनाडा, थाइलैंड, मंगोलिया और पाकिस्तान से भी कुछ नाम थे। फिलीपीन्स के पूर्व दबंग शासक फर्डिनैंड मार्कोस के परिवार का नाम भी इसमें शामिल था। आईसीआईजी का कहना था कि इन लीक्स से क़ानूनी कार्रवाई के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिलते। आईसीआईजेने दो फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर्स जर्सी के एक निजी बैंक और बहामस कॉर्पोरेट रजिस्ट्री का हवाला सूत्र के तौर पर दिया था।

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Posted By: Prabha Punj Mishra