- इंदिरा नगर के सेक्टर नौ के एक घर में भेजा गया था बम का पार्सल

- एटीएस ने समय रहते बम को किया निष्क्रिय

LUCKNOW@inext.o.in

सूबे में नयी सरकार के शपथ ग्रहण से पहले राजधानी में आतंक फैलाने की साजिश को एटीएस ने समय रहते नाकाम कर दिया। एटीएस ने इंदिरा नगर के सेक्टर नौ स्थित एक मकान में पार्सल के जरिए भेज टिफिन में रखे चार शक्तिशाली बम को निष्क्रिय कर दिया। बम इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस से जुड़े हुए थे। एटीएस ने बम को निष्क्रिय कर जांच के लिए फॉरेंसिक लैब में भेजा है। एटीएस टीम उन लड़कों से भी पूछताछ कर रही है जिनको बम का पार्सल भेजा गया था। एटीएस शनिवार सुबह आगरा में दो जगह हुए बम धमाके से भी इस मामले को जोड़ कर देख रही है।

पार्सल में भेजे गए थे बम

इंदिरा नगर के सेक्टर 9 में नरही निवासी राजेंद्र सिंह का मकान है। मकान प्रीति सिंह के नाम पर है और ऊपर से लेकर नीचे तक कई किराएदार रहते हैं। नीचे की मंजिल में एक एनजीओ का ऑफिस है, जबकि ऊपरी हिस्से में स्टूडेंट और जॉब करने वाले कई लड़के रहते हैं। मकान के सेकेंड फ्लोर पर फैजाबाद निवासी निशांत वर्मा और राहुल भी किराए पर रहते हैं। होली पर 11 मार्च को राहुल और निशांत दोनों फैजाबाद अपने घर गए थे। निशांत एक दवा कंपनी में एमआर के पद पर कार्यरत है जबकि राहुल एक विज्ञापन कंपनी में काम करता है। 17 मार्च को दोनों छुट्टी से लौट कर इंदिरा नगर स्थित अपने मकान आए थे। जहां उन्हें घर के दरवाजे के बाहर एक पार्सल मिला था। निशांत दवा कंपनी में काम करता है और उसका अक्सर दवाइयों का पार्सल आता है। पार्सल पर निशांत का नाम लिखा था जिसके चलते मकान में रहने वाले किसी शख्स ने उसे उठाकर उसके कमरे के बाहर रख दिया गया था।

एटीएस को दी सूचना

निशांत ने शुक्रवार रात को गत्ते का पार्सल खोलकर चेक तो गत्ते में बम जैसी कोई चीज दिखने पर वह दहशत में आ गए। जिसके बाद आनन फानन में उन्होंने इसकी सूचना अपने रूम पार्टनर को दी। राहुल ने शनिवार सुबह 10 बजे एटीएस में तैनात अपने एक परिचित को पूरी जानकारी दी। जिसके बाद एटीएस की टीम इंदिरा नगर स्थित सेक्टर 9 के मकान पर पहुंच गई।

पार्क में किया बम डिफ्यूज

बम निरोधक दस्ते ने गत्ते में रखे चारों बम को सुरक्षित बाहर निकाला और घर के सामने स्थित पार्क में लेकर गए, जहां चारों बम को निष्क्रिय किया गया। एटीएस के डिप्टी एसपी राजेश साहनी ने बताया कि बम प्लास्टिक के टिफिन में थे। बम कितने शक्तिशाली है, इसकी जांच फारेंसिक लैब में कराई जा रही हैं। हालांकि इस तरह के बम से बड़ा नुकसान हो सकता हैं।

इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस भी लगी थी बम में

टिफिन बम में इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस भी लगी थी। जिसमें लाल-नीली लाइट भी लगी थी। यहीं नहीं डिवाइस के दोनों तार से कुछ माचिस की तीली को बांधा गया था। टिफिन के ज्यादा हलचल होने पर तीली आपस में रगड़ खाती और उससे चिंगारी निकलने पर विस्फोट की संभावना बढ़ सकती थी।

कॉलोनी में रही दिन भर हलचल

बम की सूचना से स्थानीय निवासियों में सुबह 10 बजे से ही दहशत का मौहाल था। पार्क में बम को निष्क्रिय किया जा रहा था तो लोगों की भीड़ जमा हो गई थी जिसे एटीएम की टीम ने हटाया। कॉलोनी में रहने वाले कुछ बच्चों ने पार्क में बम निष्क्रिय करते समय अपने मोबाइल फोन पर फोटो भी कैद की। उसे फेसबुक पर भी अपलोड किया।

निशांत सुबह गया था तेलीबाग

राहुल ने बताया कि वह निशांत के साथ बीते तीन माह से इस मकान में किराए पर रह रहा था। निशांत सुबह ही काम से जाने कि बात कहकर तेलीबाग गया था। राहुल ने बताया कि मामला संदिग्ध होने के चलते उसने रात में एटीएस को जानकारी देनी चाही, लेकिन कॉल नहीं लगा। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो गया कि आखिर जब मामला संदिग्ध था तो एटीएस का नंबर न लगने पर उसने पुलिस को इस घटना की जानकारी रात में ही क्यों नही दी।

आतंकी साजिश का शक

बीते दिनों ही एमपी ट्रेन ब्लास्ट में पांच आतंकी पकडे़ गए थे। ठीक इसके बाद आतंकी सैफुल्ला को लखनऊ के काकोरी इलाके में एटीएस टीम ने ही मार गिराया गिराया था। जिसके तार एमपी ब्लास्ट से जुड़े पाये गए थे। वही शनिवार सुबह ही आगरा के कैंट स्टेशन के पास दो विस्फोट हुए और एक रात पहले ही आगरा के ताजमहल को उड़ाने की धमकी भी दी गई थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि कहीं इस घटना के पीछे कोई आतंकी साजिश तो नहीं है? शनिवार को यूपी के सीएम पद का एलान होना था और उससे ठीक पहले राजधानी में बम मिलने से यह माना जा रहा है कि शायद यह कोई आतंकी साजिश हो सकती है।

कॉलोनी की सुरक्षा व्यवस्था भी घेरे में

इंदिरानगर इलाके में जिस कॉलोनी में यह बम मिला वह एक वीआईपी कॉलोनी है। कॉलोनी के गेट पर सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहते है। कॉलोनी की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है। कॉलोनी के मेन गेट पर कैमरे नहीं है। वहीं गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी ने बताया कि यहां कॉलोनी में आने जाने वालों की एंट्री भी नहीं होती है। यदि कॉलोनी के गेट पर वाहनों की एंट्री की व्यवस्था होती तो शायद पैकेट लाने वाले को पकड़ा जा सकता था।

Posted By: Inextlive