मनमानी फीस बढ़ोत्तरी, फिक्स्ड दुकानों से महंगी किताबें देने, बच्चों को परेशान करने आदि मुद्दों पर कानपुर अभिभावक एसोसिएशन ने डीएम को दिया ज्ञापन

KANPUR : प्राइवेट और पब्लिक स्कूल्स लगातार पैरेंट्स की जेब पर डाका डाल रहे हैं। इस पर कोई अंकुश नहीं लगा पा रहा है। स्कूल की यूनिफार्म और बुक्स फिक्स दुकानों पर ही मिल रहीं हैं। कभी महंगाई तो कभी टीचरों-कर्मचारियों को सिक्स्थ पे कमीशन के नाम पर हर साल अंधाधुंध फीस बढ़ोत्तरी की जा रही है। विरोध करने पर मिड सेशन में बच्चों को स्कूल से निकाल देने, फेल कर दिए जाने या क्लास में मानसिक रूप से प्रताडि़त किए जाने जैसी हरकतें की जा रही हैं। इसके खिलाफ कानपुर अभिभावक एसोसिएशन ने डीएम को ज्ञापन देकर प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है।

ना‌र्म्स की धज्जियां उड़ा रहे स्कूल्स

एसोसिएशन के प्रेसीडेंट संजय शुक्ला ने कहा कि सीबीएसई और सीआईएससीई ने टीचर्स के एप्वाइंटमेंट से लेकर एडमीशन तक के लिए जो ना‌र्म्स बनाए हैं उन पर अमल नहीं किया जा रहा है। किसी भी पब्लिक स्कूल में गरीब बच्चे को एडमिशन नहीं मिलता है जबकि कोर्ट का आदेश है कि ख्भ् परसेंट सीटें इनके लिए रिजर्व की गई हैं। स्कूल मैनेजमेंट ऑन पेपर सब कुछ सही दिखा देते हैं। एनसीईआरटी की बुक्स से पढ़ाई कराई जानी चाहिए। लेकिन स्कूल मैनेजमेंट प्राइवेट पब्लिकेशंस से वही सेम बुक प्रिंट करवा के कई गुना दामों में बिकवाकर कमीशन बनाते हैं। इनकी मनमानी पर कोई रोक नहीं लगा पा रहा है।

Posted By: Inextlive