पीपीपी के तहत रिलायंस के साथ शहर के 4 पार्क संवारने की मुहिम तेज

शहर के अन्य पार्को को संवारने व रेनोवेशन की निगम की कवायद सुस्त

तीन महीने पहले 1 करोड़ का बजट पास लेकिन रेनोवेशन शुरू नहीं

BAREILLY:

शहर की सूख रही हरियाली पर हफ्तों ध्यान दिलाया। हरियाली के घर पार्को की हालत उन्हीं की जुबानी दिखाई। नगर निगम ही नहीं जनता की भी अनदेखी और बेपरवाही से दम तोड़ रहे शहर के पार्को को फिर से जिलाने की जिम्मेदारी याद दिलाई। तो देर सबेर ही सही आखिरकार जिम्मेदार जगे। शहर की हरियाली बचाने की न सिर्फ फिक्र जताई बल्कि पार्को को फिर से हरा भरा बनाने के लिए सरकारी खजाने के दरवाजे खोलने का वादा भी हुआ। निगम के इतिहास में पहली बार बोर्ड बैठक में पार्को के लिए क् करोड़ रुपए का बजट पास हुआ। लेकिन इसके बाद सपनीले दौर का अंत हुआ। सरकारी योजना सरकारी मशीनरी में कहीं गुम हो गई और संजीवनी की राह ताक रहे पार्क अब भी बदहाली का सूखा झेल रहे। जबकि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत रिलायंस कंपनी को दिए गए ब् पार्को को रेनोवेट करने की कवायद को तेजी मिल रही।

तीन महीने में नहीं मिली जिंदगी

आई नेक्स्ट ने शहर के खत्म होने की कगार पर पहुंच चुके पार्को को बचाने के लिए जून में अभियान चलाया था। जिसमें पता चला कि शहर में आंकड़ों में निगम के आंकड़ों में क्0ख् छोटे बडे़ पार्क दर्ज हैं। आई नेक्स्ट की इस मुहिम के बाद मेयर डॉ। आईएस तोमर ने इस मुद्दे पर चिंता और चिंतन करने की जिम्मेदारी निभाई। मेयर ने शहर के पार्को को फिर से संवारने को जून के अंत में बोर्ड बैठक में पार्को के लिए एक करोड़ रुपये का बजट पास कराया। घोषणा भी हुई कि अगले तीन महीनों में रिजल्ट मिलेगा लेकिन समय बीत गया पर एक भी पार्क को संजीवनी मिलने की उम्मीद तक नसीब न हुई।

बजट सील तक नहीं लगी

पार्को को फिर से संवारने व बनाने की कवायद का जिम्मा मेयर ने पर्यावरण अभियंता को सौंपा। पर्यावरण अभियंता ने निर्देशानुसार सभी पार्को का स्थलीय निरीक्षण किया और इसकी रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद सभी पार्को के रेनोवेशन के लिए एस्टीमेट तैयार किए जाने की कवायद शुरू हुई। लेकिन तीन महीने बीतने के बाद भी अब तक इन पार्को के लिए टेंडर प्रक्रिया ही चल रही है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद टेंडर को मंजूरी मिलनी है। इसके बाद हर पार्क के लिए तय टेंडर पर बजट सील लगनी है। जिसमें अभी और समय लगना तय है।

रिलांयस के 'पाकोर्' में तेजी

पीपीपी प्रोजेक्ट के तहत रिलांयस कंपनी को शहर में ब्-जी इंटर कनेक्टिविटी का जाल बिछाने के साथ ही पार्को को भी संवारना है। इसके लिए निगम के साथ हुए करार में कंपनी को ब् पार्को को रेनोवेट करने व उनका ब्यूटीफिकेशन करना है। अपने पार्को को संवारने में जो सुस्ती निगम से हुई उसी तर्ज पर कंपनी ने भी शुरू में लापरवाही की। जनवरी में हुए करार के आठ महीने बाद भी कंपनी ने जीबी पंत पार्क, सेठ दामोदर पार्क, गांधी उद्यान व शहीद अरोड़ा पार्क में से किसी को भी नहीं संवारा। अब पिछले दिनों कड़ाई के बाद कंपनी की ओर से दीपावली तक पार्को को संवारने का काम शुरू कर दिया है। जिसमें निगम के अफसरान कड़ाई से नजर रखे हैं, लेकिन अपने ही दूसरे पार्को पर सुस्ती बरकरार है।

अब म् महीने का इंतजार

शहर के पार्को की हालत सुधारने और उन्हें संवारने के लिए प्रस्तावित योजना में कई काम किए जाने थे। जिसमें सबसे पहले निर्माण विभाग की ओर से पार्को की दीवार की मरम्मत करने, उनमें ग्रिल लगवाने, रंग रोगन करने और फुटपाथ बनाए जाने के साथ ही बैठने के लिए बेंच लगवाने व लाइटिंग की व्यवस्था करना भी शामिल है। जिसके बाद पार्को में वन विभाग की ओर से मिलने वाले पौधों को रोपा जाना है। निगम की ओर से इस कवायद के पहले फेज में हुई सुस्ती ने साल खत्म होने से पहले ही पार्को को उनके नए संवरे रूप में देखने की हसरत दम तोड़ गई है। जिम्मेदार पार्को को संवारने में अब अगले म् महीने लगने की मजबूरी बता रहे।

नहीं लगा घर-घर पौधा

पार्को को फिर से नई जिंदगी देने की सरकारी घोषणा करने के बाद नगर निगम की ओर से शहर में हरियाली बढ़ाने की एक और सुनहरी योजना का बखान किया गया। निगम की ओर से जुलाई की शुरुआत में ही शहर की हर कॉलोनी में हर घर के आगे एक एक पौधा लगवाए जाने का ऐलान किया गया। मेयर ने कहा कि फेज वाइस होने वाली इस कवायद में सबसे पहले शहर के तीन इलाकों रामपुर गार्डेन, सिविल लाइंस और राजेन्द्र नगर को लिया जाएगा। जहां हर घर के आगे एक पौधा रोपा जाएगा। वहीं खुद से इस पहल में शामिल होने वाले लोग मेयर हाउस से मुफ्त में ट्री गार्ड भी ले जा सकेंगे। इस योजना के भी तीन महीने पूरे हो गए और कॉलोनी में पौधे रोपे जाने की बात भी खोखली बयानबाजी ही साि1बत हुई।

फेज वाइस निखरेंगे पार्क

पार्को को संवारने की कसरत में फिसले निगम के जिम्मेदारों ने अब फेज वाइस इस दिशा में काम करने का रुख अख्तियार किया है। शहर में छोटे बड़े कुल क्0ख् पार्को को अलग-अलग फेज में रेनोवे किया जाएगा। इसके लिए सबसे पहले करीब ख्0 पार्को का चयन किया जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया में जिन पार्को को पहले जगह मिल गई हैं उनमें गोविंद बल्लभ पंत पार्क को 7.भ्0 लाख, सेठ दामोदर पार्क पार्क को क्ब् लाख, जनकपुरी पार्क को म्.भ्0 लाख और गांधीनगर पार्क को क्.7भ् लाख रुपए का बजट मिला है।

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पार्को को संवारने की मुहिम में विभागीय देरी हुई है, इस प्रोसेस में समय लगता है। पार्को की टेंडर प्रक्रिया लगभग पूरी है। पहले ख्0-ख्ख् पार्को को संवारा जाएगा। कॉलोनी में पौधे लगाने की योजना पिछड़ी है, हमारे पास इसके लिए क्00 ट्री गार्ड जल्द आने वाले हैं। मार्च ख्0क्भ् तक शहर के पार्को के संवरने की उम्मीद है। - डॉ। आईएस तोमर

शहर के पार्को को संवारने की प्रक्रिया में कहां ढिलाई हुई इसे देखा जाएगा। कार्यकारिणी में इस पर चर्चा की जाएगी। विभागीय लेट लतीफी मिली तो इसमें तेजी लाने का काम किया जाएगा। मैं पर्सनली इस पर सभी को अवेयर करने व काम करवाने में शामिल रहूंगा। - राजेश अग्रवाल, पार्षद नेता

Posted By: Inextlive