पॉर्लियामेंट की स्टैंडिंग कमेटी ने ट्रांसजेंडर्स के पक्ष में की सिफारिश।

Agency): सोशल जस्टिस एंड एम्पॉवरमेंट पर बनी पार्लियामेंट की एक स्टैंडिंग कमेटी ने ट्रांसजेंडर्स के पक्ष में सिफारिश की है। कमेटी ने कहा है कि ट्रांसजेंडर्स के पास यह ऑप्शन होना चाहिए कि वह अपना जेंडर आजादी से चुन सकें। उसे सर्जरी या हार्मोंस के जरिए यह ऑप्शन चुनने की आजादी होना चाहिए।

 

फंडामेंटल राइट्स के खिलाफ
कमेटी ने कहा, यह (डेफिनेशन) न सिर्फ  समानता ( इक्वेलिटी), गरिमा (डिग्निटी), स्वायत्तता (ऑटोनॉमी) के फंडामेंटल राइट्स के खिलाफ है। बल्कि, ट्रांसजेंडर्स को कॉन्स्टीट्यूशन के आर्टिकल 14, 19 और 21 के तहत दी गई आजादी के भी खिलाफ  है। कमेटी का यह भी मानना है कि ट्रांसजेंडर की डेफिनेशन अनसाइंटिफिक और प्रिमिटिव (आदिम) और बायोलॉजिकल खासियतों पर आधारित है। जो यह बताने में नाकाम है कि कई लोग अस्पष्ट और जटिल लैंगिक अंगों के साथ जन्म लेते हैं। ये चीजें बाहरी या अंदरूनी तौर पर होती हैं और उनकी पहचान पुरुष, महिला या ट्रांसजेंडर की तरह होती है।

 

ट्रांसजेंडर और सामान्य स्टूडेंट्स साथ पढ़ें
स्टैंडिंग कमेटी ने बिल के क्लॉज 2 में बदलाव की भी सिफारिश की है। इसमें ट्रांसजेंडर के लिए समावेशी शिक्षा के बारे में बताया गया है। समावेशी शिक्षा का मतलब एजुकेशन का ऐसा सिस्टम है, जिसमें ट्रांसजेंडर और जेंडर कन्फर्म न होने वाले स्टूडेंट्स और दूसरे स्टूडेंट्स बेखौफ  होकर साथ पढ़ते हैं। कमेटी ने भेदभाव की डेफिनेशन को बिल के चैप्टर-1 में शामिल करने की भी सिफारिश की है। उसका मानना है कि इस चैप्टर में वो तमाम वॉयलेशंस शामिल होने चाहिएए जिनका ट्रांसजेंटर सामना करते हैं।

ø रमेश बैस की अगुआई वाली इस कमेटी ने यह सिफारिश भी की है कि केंद्र और राज्य सरकारें साथ ही सिविल सोसायटी को ट्रांसजेंडर के बारे में अवेयरनेस लाने वाले उपायों को अपनाना चाहिए।

यूपी के इस कॉलेज में देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनो पढ़ा करते थे

बिल में किया गया डिफाइन

ø ट्रांसजेंडर पर्संस (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल 2016 में ट्रांसजेंडर को डिफाइन किया गया है।

ø इसके मुताबिक, जो न तो पूरी तरह महिला हो और न ही पूरी तरह पुरुष और जिसका जेंडर जन्म के वक्त बताए गए जेंडर से मेल न खाता हो वह ट्रांसजेंडर है।

ø कमेटी मानती है कि प्रस्तावित बिल में बताई गई ट्रांसजेंडर की डेफिनिशन बदलती दुनिया के हिसाब से बिल्कुल अलग है।

ø दुनिया में आज ट्रांसजेंडर को खुद तय करने का हक दिया जा रहा है और इस पहचान के तहत उन्हें दिए जाने वाले फायदों की तलाश है।

वीमेन स्पेशल पिंक बस पैसेंजर्स को अब मिलेंगी ढेर सारी सुविधाएं, किराए में भी होगी छूट

National News inextlive from India News Desk

Posted By: Chandramohan Mishra