बीच रास्ते में सिटी बसों के दम तोड़ने से परेशान होते पैसेंजर्स
150 सीएनजी बसों का हो रहा संचालन
5 इलेक्ट्रिक बसें भी चल रही हैं 33 इलेक्ट्रिक बसें दुबग्गा डिपो में खड़ी हैं 25 हजार यात्री रोज करते हैं सफर - उम्र पूरी कर चुकी सिटी बसें बीच रास्ते लोगों को दे रही धोखा - सिकंदरबाग चौराहे पर अचानक फिर खराब हो गई सिटी बस LUCKNOW:समय सुबह करीब 10 बजे, जगह सिकंदरबाग चौराहे के पास, सिटी बस नंबर यूपी 32 सीजेड 5868. इस बस में करीब 70 यात्री मौजूद थे। 20 की स्पीड से चल रही बस जैसे ही सिकंदरबाग चौराहे पहुंची पहले तो अनियंत्रित हुई और फिर बीच रास्ते खड़ी हो गई। ड्राइवर ने यात्रियों की मदद से इसे रोड के किनारे खड़ा किया। बस के खराब होने से मुसाफिरों को काफी परेशानी हुई। काफी देर बाद दूसरी बस मंगाकर उन्हें दूसरी बस से रवाना किया गया। कुछ ऐसे ही नजारे आए दिन लखनवाइट्स को देखने को मिलते हैं, जब सिटी बस बीच रास्ते ही दम तोड़ देती हैं और लोग उसे कोसते हुए दूसरे साधनों से मंजिल तक जाते हैं।
सबको कर देती हैं लेटबीच रास्ते में दम तोड़ रही सिटी बसों के चलते लोग समय से अपने ऑफिस नहीं पहुंच पाते हैं, वहीं स्टूडेंट्स को लेट होने पर कोचिंग में टीचर्स की डांट खानी पड़ती है। लगातार आ रही इस समस्या पर सिटी बस प्रबंधन से अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। सिटी बस प्रबंधन के अधिकारियों के अनुसार सभी इलेक्ट्रिक बसों के ऑन रोड होने के बाद ही इस समस्या का समाध्ान होगा।
मेंटीनेंस के लिए नहीं िमलता बजट सिटी बस प्रबंधन के अनुसार राजधानी में चल रही सीएनजी सिटी बसों की उम्र पूरी हो चुकी है। उन्हें नीलाम किया जाना है। इन बसों के मेंटीनेंस के लिए बजट नहीं है। शासन से जो प्रतिपूर्ति मिलती है वह बसों के मेंटीनेंस के लिए कम है। ऐसे में जुगाड़ से ही बसों को चलाया जा रहा है। अपने रिस्क पर चला रहे बस सिटी बसों के ड्राइवरों ने बताया कि अधिकांश बसों में ब्रेक सिस्टम खराब हैं। वे अपने रिस्क पर इन्हें चलाने के लिए मजबूर हैं। सिकंदरबाग चौराहे पर खराब हुई बस में भी ब्रेक की समस्या आई थी। ड्राइवरों का कहना है कि तीन माह से वेतन न मिलने से वे पहले ही टेंशन में हैं और दूसरी तरफ खराब बसें उनकी इस टेंशन को और भी बढ़ा रही हैं। हर समय वे डरते हैं कि कहीं कोई हादसा न हो जाए। कोटबजट के अभाव में न तो वेतन बंट रहा है और न ही बसों की मेंटीनेंस हो रही है। इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होने के बाद खराब बसों को नीलाम किया जाएगा। 2009 में आई सीएनजी बसों की उम्र पूरी हो चुकी है।
आरिफ सकलेन, एमडी सिटी बस