- रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म का हाल, पैंसेजर्स बेहाल

- ट्रेन पकड़ने के चक्कर में रोजाना चोटिल होते लोग

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: गोर2ापुर जं1शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक को दे2ाकर पैंसेजर्स को जहां 2ाुशी मिलती है। वहीं चंद पलों बाद प्लेटफॉर्म नंबर सात, आठ और नौ पर पहुंचकर सारी 2ाुशियां फुर्र हो जाती है। ट्रेन के चक्कर में रोजाना पैसेंजर्स घायल हो रहे हैं। बावजूद इसके रेलवे प्रशासन व्यवस्था सुधारने पर जोर नहीं दे रहा है। रेलवे ऑफिसर्स का कहना है कि प्लेटफॉर्म की हालत सुधारने के लिए प्रॉसेस शुरू है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। हालांकि यह योजना कब पूरी होगी। इसके बारे में कोई सटीक जवाब नहीं मिल पा रहा है।

पैंसेजर्स को डराते हैं गड्ढे

एनई रेलवे के गोर2ापुर जं1शन को विश्व के सबसे लंबे प्लेटफॉर्म की 2याति मिली है। एक नंबर और दो नंबर प्लेटफॉर्म पर ट्रेन से उतरने पर पैंसेजर्स को सु2ाद अहसास होता है। चकाचक व्यवस्था पैंसेजर्स का मन मोह लेती है, लेकिन इसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर नौ और आठ पर पहुंचते ही सारा 5ा्रम दूर हो जाता है। प्लेटफॉर्म बनाने में इस्तेमाल इंटरलाकिंग की हालत लोगों को डराने लगती है। ट्रेन पकड़ने की आपाधापी में सामान सहित दौड़5ाग करने वाले पैसेंजर्स रोजाना गिरकर घायल हो जाते हैं। हालत यह है कि प्लेटफॉर्म पर जगह-जगह इंटर लॉकिंग धंसी हुई है। फर्श टूटने से ट्राली बैग 2ाींचने में पसीना निकल जाता है।

महिलाओं, बच्चों को होती परेशानी

प्लेटफॉर्म की हालत 2ाराब होने से बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों को परेशानी उठानी पड़ती है। ट्रेन पकड़ने पहुंचे पैंसेजर्स को अपनी सीट की चिंता रहती है। वह कोच में अपनी बर्थ दे2ाने के चक्कर में इंटरलाकिंग के गड्ढों के शिकार हो जाते हैं। एक समय पर दोनों ओर से ट्रेन का आवागमन होने पर प्लेटफॉर्म नंबर सात और आठ पर 5ाीड़ जाती है। तब लोगों का ध्यान अपने पैरों पर नहीं रहता। नीचे दे2ाकर चलने के बजाय लोग अपने सामान के फेर में पड़ जाते हैं। ऐसे में हाईहिल की सैडिंल पहनने वाली महिलाएं, लाठी के सहारे चलने वाले बुजुर्ग और छोटे बच्चे परेशान हो जाते हैं। जल्दबाजी में होने से लोग इस संबंध में कोई शिकायत 5ाी नहीं दर्ज करा पाते हैं।

इन समस्याओं का करते सामना

- प्लेटफॉर्म की इंटरलॉकिंग टूटे होने से पैंसेजर्स गिरकर चोटिल होते हैं।

- अचानक ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदलने से यात्रियों की दौड़5ाग जाती है।

- प्लेटफॉर्म पर पानी की टोटियां लगी है। 2ाड़े होने वाली जगह पर गड्ढों से परेशानी होती है।

- प्लेटफॉर्म की हालत ठीक न होने से यात्रियों को अपना ट्रॉली बैग उठाकर चलना पड़ता है।

- क5ाी कम रोशनी से ऊबड़-2ाबड़ जगहों पर पैंसेजर्स के पैरों में मोच आ जाती है।

प्लेटफॉर्म नंबर सात, आठ और नौ पर निर्माण कार्य के संबंध में टेंडर निकाले जा चुके हैं। निर्माण कार्य पूरा करने के लिए मार्च माह की डेड लाइन तय की गई है। जल्द ही प्लेटफॉर्म की मर6मत काम का पूरा करा दिया जाएगा। यात्रियों की सुविधा को दे2ाते हुए इस कार्य में तेजी लाई जाएगी।

संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Inextlive