- आईएमए में पीओपी का शानदार आयोजन

- बांग्लादेश के आर्मी चीफ ने ली पीओपी की सलामी

DEHRADUN: 'ये जिंदगी है कौम की, तू कौम पे लुटाए जा.' इस प्रयाणगीत के साथ ड्रिल स्क्वायर पर जब जेंटलमैन कैडेट्स कंधे से कंधा और कदमों से कदम मिलाकर अंतिम पग की ओर बढ़ रहे थे, जो उनके जेहन में भी देश रक्षा के लिए अपनी जान को भी दांव पर लगा देने का जोश भरा था। टफ ट्रेनिंग के बाद फौलाद बने 487 जेंटलमैन कैडेट्स के कदमों की थाप से वहां मौजूद हर शख्श अपने अंदर जोश और ऊर्जा का अनुभव कर रहा था। अंतिम पग भरते ही 409 जेंटलमैन कैडेट्स इंडियन आर्मी का हिस्सा बन गए। 78 फारेन कैडेट्स ने भी पास आउट किया।

आसमान से बरसे फूल

इंडियन मिलिट्री एकेडमी में सैटरडे की सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ भव्य परेड का आयोजन हुआ। कंपनी सार्जेट मेजर अभिषेक सिंह, लेसर सिंह, कपिल चौधरी, विशाल सिंह, आशीष कुमार, रजत पांडे, हेमंत सिंह बिष्ट और पंकज कौशिक ने ड्रिल स्क्वायर पर पोजिशन ली। एडवांस कॉल के साथ टफ ट्रेनिंग के बाद फौलाद बने इंडियन आर्मी के जांबाज जेंटलमैन कैडेट्स भी परेड वैन्यू पर पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर चंद्रकांत आचार्य ने ड्रिल स्क्वायर पर पोजिशन ली। कंधे से कंधा और कदम से कदम मिलाते जेंटलमैन कैडेट्स ने मंत्रमुग्ध कर देने वाले मार्चपास्ट की शानदार परफॉर्मेस से सभी को रोमांचित किया। जेंटलमैन कैडेट्स ने जैसे ही अंतिम पग भरा, आसमान से हेलीकॉप्टर्स के जरिए पुष्प वर्षा ने उनके जोश को सलाम किया।

बांग्लादेश आर्मी चीफ ने ली सलामी

आईएमए पासिंग आउट परेड में इस वर्ष बांग्लादेश के आर्मी चीफ अबु बिलाल मोहम्मद शैफुल हक बतौर चीफ गेस्ट मौजूद रहे। पीओपी की शानदार परेड की उन्होंने सलामी ली। उन्होंने कैडेट्स को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेस व अन्य सम्मानों से नवाजा। इस दौरान आरट्रैक कमांडर ले। जनरल मनोज मुकुंद नरवाने, आईएमए के कमान्डेंट ले। जनरल एसके झा, डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल जेएस नेहरा समेत कई आर्मी ऑफिसर मौजूद रहे।

इन्हें मिले उत्कृष्टता के सम्मान

अवॉर्ड कैडेट स्टेट

स्वॉर्ड ऑफ ऑनर, गोल्ड मेडल- चंद्रकांत आचार्य, उड़ीसा

सिल्वर मेडल -अमरप्रीत सिंह, पंजाब

ब्रोंज मेडल -सौरव दास नदिया, पश्चिम बंगाल

टीजी सिल्वर-बर्नाना यादगिरी, तेलंगाना

बेस्ट फॉरेन कैडेट-एलेग्जेंडर तजाकिस्तान

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर-नौशेरा कंपनी

भारतीय सेना ने ही दी पहचान- बिलाल

भारत और बांग्लादेश के बीच दशकों से दोस्ती का रिश्ता रहा है। सिर्फ हमारी सीमाएं ही नहीं, बल्कि दोनों देशों में भौगोलिक, सामाजिक व सांस्कृतिक समानताएं भी हैं। बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर पीओपी में शामिल हुए बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल अबु बिलाल मोहम्मद शैफुल हक ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए गौरव का क्षण है। वे बोले कि यह क्षण दोनों देशों के दोस्ताना संबंधों को और आगे ले जाएगा। उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में इंडियन आर्मी ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया, इसके बाद ही बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में पहचाना गया।

Posted By: Inextlive