- हर कदम पर होता है पासपोर्ट का सौदा

- ऑनलाइन फॉर्म भरवाने से लेकर पासपोर्ट दिलाने तक का होता है ठेका

- अनपढ़ और लेबर क्लास से होती है दलालों की सबसे अधिक कमाई

LUCKNOW: पासपोर्ट सेवा केंद्र पर सबकुछ हाईटेक होने के साथ यहां दलाली भी हाइटेक हो गयी है। यहां दलालों के पास न सिर्फ हाईटेक स्मार्ट फोन हैं, बल्कि लैपटॉप से भी लैस हैं। आपको चाहे अपने पासपोर्ट की इंक्वायरी करनी हो या फिर ऑनलाइन पासपोर्ट भरवाना हो। यहां सबकुछ बीच सड़क पर उपलब्ध है। यहां डेली आने वाले हजारों लोग पासपोर्ट बनवाने के नाम पर न सिर्फ ठगी का शिकार होते हैं, बल्कि जरूरत के कई गुना अधिक पैसे भी खर्च हो जाते हैं। हुसैनगंज में पासपोर्ट सेवा केंद्र और उसके आसपास किस तरह दलाली हावी है आइये जानते हैं इस रिपोर्ट में।

कदम-कदम पर दलाल

हुसैनगंज में रतन स्क्वायर में चल रहे पासपोर्ट सेवा केंद्र के बाहर रोड पर दलालों का अड्डा बना हुआ है। यहां आने वाले हर शख्स को दलाल टोक कर उसकी समस्या पूछता है और हर समस्या का समाधान दलाल के पास मौजूद होता है। बस इसके लिए आपको कीमत अदा करनी होती है। कीमत भी हर चीज की तय है। स्टैंप बनवाने की डेढ़ सौ रुपये, डॉक्यूमेंट अटेस्ट की क्00 रुपये, डेट दिलाने की भ्00 रुपये से क्000 रुपये और पासपोर्ट जल्दी दिलाने के लिए पूरा ठेका पांच हजार रुपये है।

ऑनलाइन फॉर्म भरने के भ्00 रुपये

बस स्टैंड पर कब्जा किये दलालों के पास हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन मौजूद है। ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए भ्00 रुपये फीस ली जाती है। इसके अलावा ऑनलाइन फीस जमा करने के लिए भी मूलधन के अलावा भी पैसे वसूल किये जाते हैं। इतना ही नहीं डेट दिलाने के लिए अलग पैसे और पूरा पासपोर्ट बनवाने के लिए अलग रेट तय है।

तत्काल में भी होता है खेल

तत्काल का पासपोर्ट बनने के लिए भी जमकर खेल होता है। परडे तत्काल की पहले भ्0 सीट थी, अब इस नम्बर को बढ़ाकर क्00 कर दिया गया है। लेकिन फिर भी यहां डेट मिल पाना मुश्किल होता है। लेकिन दलालों का जुगाड़ सॉलिड है। उनके पास जाने से चंद घंटों में ही आपको डेट मिल जाती है और हफ्ते भर के अंदर पासपोर्ट बन जाता है।

बाहरी लोगों को बनाते हैं निशाना

लखनऊ पीएसके पर सिर्फ लखनऊ के ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के लोग भी आते हैं। इसमें लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई, बहराइच, फैजाबाद बाराबंकी से लोग पासपोर्ट बनवाने के लिए आते हैं। इनमें अधिकतर लेबर क्लास के लोग होते हैं जो गल्फ सिटीज में जाने के लिए पासपोर्ट बनवाते हैं। पीएसके पर आनलाइन अप्लीकेशन ही एक्सेप्ट होती है इस लिए ऐसे लोगों के पास दलालों के पास जाने के सिवा कोई चारा नहीं होता।

इललिटरेसी का उठाते हैं फायदा

दलाल सबसे अधिक इललिटरेसी का फायदा उठाते हैं। अलग अलग सुविधाओं के नाम पर पैसे ऐंठे जाते हैं। बाराबंकी से पासपोर्ट बनवाने आये मुनव्वर कहते हैं कि मैं यहां पिछले तीन दिन से चक्कर काट रहा हूं। जब एक दलाल को पकड़ा तो उसने पूरा प्रोसेस बताया। अब आप ही बताइये कि हम अप्लीकेशन भरवाने के लिए अगर दलालों के पास ना जाएं तो कहां जाएं। वैसे तो नार्मल पासपोर्ट बनवाने की फीस क्भ् सौ रुपये है। लेकिन एक दलाल ने तीन हजार रुपये में पासपोर्ट बनवाने का वादा किया है।

ऑनलाइन सुविधा के बाद भी लगता है समय

पासपोर्ट आफिस अब पूरी तरह से आनलाइन हो चुका है। यहां तक कि जिलों को और एलआईयू को भेजा जाने वाला वेरिफिकेशन लेटर भी अब मेल के थ्रू ही जाता है। पासपोर्ट बनवाने के लिए जरूरी फार्मेल्टी पूरी करके आप जैसे ही पीएसके के बाहर निकले वैसे ही वेरिफिकेशन के लिए रिपोर्ट जिलों से मेल के थ्रू मांग ली जाती है। पहले यह काम मैनुअल होता था जिसमें कम से कम सात से दस दिन का समय सिर्फ जिले तक सूचना पहुंचने में लगता था। लेकिन अब यह मिनटों में जिलों में पहुंच जाती है और जिलों से भी आनलाइन ही पासपोर्ट आफिस को रिपोर्ट वेरिफिकेशन के बाद भेज दी जाती है। प्रोसेस आसान होने के बाद भी कम से कम एक महीने का समय लगता है।

वेरिफिकेशन के लिए देनी पड़ती है सुविधा शुल्क

लखनऊ में पासपोर्ट आफिस में प्रोसेस पूरा करने और डॉक्यूमेंट जमा करने के बाद अप्लीकेंट के लिए अगली जंग पाजिटिव रिपोर्ट लगवाना होता है। यहां भी बिना सुविधा शुल्क के फाइल आगे नहीं बढ़ती। सोर्सेज की मानें तो एलआईयू वेरिफिकेशन के लिए पांच सौ रुपये और पुलिस वेरिफिकेशन के लिए एक हजार रुपये फिक्स है। कई बार सबकुछ सही होने के बाद भी पैसे ना मिलने पर एलआईयू और पुलिस द्वारा एडवर्स रिपोर्ट भेज दी जाती है जिसका खामियाजा अप्लीकेंट को ही भुगतना पड़ता है।

Posted By: Inextlive