- देश में दाल की पैदावार कम और डिमांड है अधिक

- 170 लाख टन पैदावार और 246 लाख टन की खपत

- 76 लाख टन के गैप को पूरा करने में आ रही हैं मुश्किलें

LUCKNOW: खाद्य, सार्वजनिक वितरण व उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि दाल की खपत पूरी करना आसान नहीं है। देश में पैदावार कम हो रही है डिमांड ज्यादा है। विदेशों में डिमांड ही नहीं है इस लिए दाल की खेती कम हो रही है। ऐसे में डिमांड और सप्लाई में अंतर बड़ा होता जा रहा है। रविवार को साइंटिफिक कंवेंशन सेंटर में इंडिस्ट्रियल युनाइटेड डेवलपमेंट फाउंडेशन की ओर से आयोजित उद्यमी सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए पासवान ने कहा कि भारत में दाल की पैदावार 170 लाख टन है जबकि डिमांड 246 लाख टन की है। उन्होंने कहा कि विदेशों में लोग दाल कम खाते हैं इस लिए दाल का उत्पादन विदेशों में भी घट गया है।

किसान तक नहीं पहुंच पा रहा है वाजिब दाम

पासवान ने कहा कि किसानों तक उसके उत्पादन का वाजिब दाम नहीं पहुंच पा रहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य के बराबर भी उसे नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि देश में जब एनडीए की सरकार बनी तो लोगों ने कहा कि यह अमीरों की सरकार है लेकिन मोदी सरकार ने पिछले बजट में लोगों के भ्रम दूर कर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बजट में काफी व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि डिमांड और सप्लाई का संतुलन बनाना आसान नहीं होता। जैसे प्याज की अधिक पैदावार होती है तो नुकसान किसानों का होता है और अगर कम होती है तो पब्लिक को महंगा प्याज मिलती है। इसमें संतुलन बनाना जरूरी है।

राइस मिलों की समस्या हर जगह

इस मौके पर इंडस्ट्रियल युनाइटेड डेवलपमेंट फाउंडेशन के प्रेसीडेंट देव भट्टाचार्य ने केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री के सामने राइस मिलों की समस्याएं रखीं। इन मांगों पर पासवान ने कहा कि कोई डिसीजन हम नहीं बल्कि टैरिफ कमीशन लेता है। सरकार उसके लिए रिकमेंड कर सकती है। उन्होंने कहा कि एक माह बाद मीटिंग कर राइस मिल मालिकों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा।

उद्यमियों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान किया

इस मौके पर केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री कलराज मिश्रा ने कहा कि उद्यमियों के लिए सुविधाएं दी जा रही हैं। आनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान किया गया है। पिछले छह माह में उद्योग आधार मेमोरेंडम के तहत 7 लाख 72 हजार इकाइयों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। यूपी में यह आंकड़ा 74 हजार 10 का है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को आसान किया गया है। आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है जिसमें अधिकतम पांच से सात मिनट का समय लगता है। बाकी सुविधाओं में भी सरलीकरण का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राइस मिल की हालत बहुत खराब है सिर्फ यूपी में ही नहीं बिहार भी गया था वहां भी यही हाल है। उन्होंने कहा कि किसानों तक वाजिब दाम नहीं पहुंच रहा है।

किसान से अधिक मेहनत करते हैं उद्यमी

कलराज मिश्रा ने कहा कि किसान आत्म हत्या की बात क्यों करते हैं? उन्होंने कहा कि उद्यमियों को मैं प्रणाम करता हूं। उद्योग लगाने में कितनी कठिनाइयां है यह मैने अनुभव किया है। बहुत से मौके आते हैं जब इनको मरने के बारे में सोचना चाहिए लेकिन यह हतोत्साहित नहीं होते। उन्होंने उदाहरण दिया कि बैंक वाले परेशान करते हैं तो आपके दिमाग में मरने का ख्याल आता होगा। तीन माह में बैंक का कर्ज ना चुका पाने पर डिफाल्टर घोषित कर दिया जाता है यह कारण भी मरने के लिए पर्याप्त है।

Posted By: Inextlive