पठानकोट हमले में शामिल आतंकियों द्वारा अगवा किए गए गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह से अब एनआईए राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक पूछतांछ करेगी। इतना ही नहीं एनआईए उनके ड्राइवर से भी पूछताछ की जाएगी। सूत्रों की मानें तो जांचकर्ताओं को उनके बयान में विरोधाभास नजर आ रहा है। वे दरगाह से माथा टेककर लौटते समय अगवा हुए थे।


नाके पर गाड़ी रोकीजानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक (राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक) अब एसपी सलविंदर पूछतांछ करेगी। एसपी सलविंदर ने खुलासा किया है कि आतंकी उन्हें गाड़ी समेत अगवा करके ले जा रहे थे तब पुलिस ने एक नाके पर गाड़ी रोकी थी। गाड़ी की बाहर से जांच भी की थी, लेकिन ठीक से तलाशी नहीं ली। वहां एक आतंकी ने पुलिस से एयरफोर्स बेस का पता भी पूछा था। इतना ही नहीं उनका यह भी कहना है कि आतंकियों ने उन्हें पीटा भी था। उनका कहना है कि आतंकी पंजाबी,उर्दू तथा हिन्दी बोल रहे थे। बयानों में विरोधाभ्यास


आतंकियों को इस बात का पता नहीं था कि वह एसपी हैं। यही कारण है कि उनकी जान बच गई। आतंकियों की ओर से अपहरण के बाद वह इस कदर घबरा गए थे कि उन्हें कुछ नहीं सूझ रहा था। आतंकियों ने उन्हें धमकाया था कि जिस स्थान पर उन्हें छोड़ा जा रहा है, यदि वहां से हिले तो उन्हें गोली मार दी जाएगी। वहीं सूत्रों का कहना है कि एसपी के बयान में लगतार कई बार विरोधाभ्यास साफ देखने को मिला है। सबसे खास बात तो यह है कि उन्होंने अपने कई बार के दिए बयानों में आतंकियों की संख्या अलग-अलग बताई गई है।

अगवा के बाद क्यों छोड़ाएसपी के संदिग्ध बयानों की वजह से जांच एजेंसियां उनकी बात पर यकीन करने को तैयार नही हो रही हैं। एजेंसियों को एसपी की यह बात संदिग्ध लग रही है कि आखिर आतंकियों ने गुरदसपुर के एसपी और उसके रसोइए को अगवा करने के बाद क्यों छोड़ दिया। इसके अलावा उन लोगों ने एक दूसरे वाहन चालक की हत्या कर दी थी। हालांकि इस बात पर एसपी का कहना है कि उनके सादे कपड़ों में होने से आतंकियों ने उन्हें आम नागरिक समझ कर छोड़ दिया था।

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Posted By: Shweta Mishra