- दो दिन से मलेरिया वार्ड में था एडमिट

- मलेरिया से मौतों का बढ़ रहा आंकड़ा, गंभीर नहीं हेल्थ डिपार्टमेंट

बरेली : मलेरिया के पेशेंट्स की संख्या बढ़ने के साथ ही मलेरिया से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है, लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट बीते साल की गलती को दोहराते हुए मलेरिया से पेशेंट्स की मौत होने की बात को नकार रहा है। वेडनसडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट मलेरिया पीवी के एक और पेशेंट की जान चली गई। लेकिन डॉक्टर का कहना है कि पेशेंट की मौत मलेरिया से नहीं बल्कि मिर्गी के दौरे पड़ने के कारण हुई है। पिछले 18 दिनों में मलेरिया पीवी के तीन मरीजों की मौत होने के बाद भी हेल्थ डिपार्टमेंट इसे लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है।

15 दिन से आ रहा था बुखार

वजीरगंज के करैंगी गांव निवासी चिल्लन सिंह के 11 साल के बेटे अनमोल को पिछले 15 दिन से तेज बुखार आ रहा था। वह पास के डॉक्टर से ही बेटे का इलाज कराते रहे, लेकिन जब हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसे ट्यूजडे देर रात डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया, जहां जांच में उसमें मलेरिया पीवी की पुष्टि हुई। मलेरिया की पुष्टि होने के बाद उसे मलेरिया पीवी वार्ड में शिफ्ट कराया गया। वेडनसडे दोपहर उसे अचानक दौरे पड़ने लगे, स्टाफ नर्स ने डॉक्टर को कॉल किया, लेकिन डॉक्टर के आने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत के बाद रोते-बिलखते परिजन शव लेकर चले गए।

क्या कहना है डॉक्टर का

मलेरिया वार्ड इंचार्ज डॉ। सागर का कहना है कि मलेरिया पीवी से मरीज की मौत नहीं हुई है। वह कई सालों से दौरे की बीमारी से भी ग्रसित था जो कि उसकी मौत का कारण बना है।

वर्जन

मलेरिया की पुष्टि के बाद प्राथमिक डोज मिलने के बाद मौत होने का सवाल ही नहीं उठता, बच्चे को दौरे की समस्या थी, इस कारण ही बच्चे की जान गई है।

डॉ। विनीत शुक्ला, सीएमओ

Posted By: Inextlive