-102 हेल्पलाइन नंबर पर 43 एंबुलेंस उपलब्ध

-108 हेल्पलाइन नंबर पर 43 एंबुलेंस उपलब्ध

-2 एंबुलेंस एएलएस यानि एडवांस लाइफ सपोर्ट पर उपलब्ध

-4-5 शिकायतें डेली आती हैं एंबुलेंस से संबंधित

-24 जून से लखनऊ के कंट्रोल रूम से लिया जाएगा फीडबैक

-15 मिनट में एंबुलेंस उपलब्ध होने का शासन का आदेश

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- एंबुलेंस ड्राइवर अभी तक मैनुअली देते थे फीडबैक

-लखनऊ में बने कंट्रोल रूम से कॉल करने वाले नंबर से लिया जाएगा फीडबैक

बरेली: एंबुलेंस आपके बुलाने पर अगर टाइम पर न आए तो इसकी कंप्लेन आप आसानी से कर सकेंगे। इसके लिए अब आपको कहीं भटकना नहीं पड़ेगा। एंबुलेंस 108 और 102 की सेवा अगर आप लेते हैं तो आपको फीडबैक के लिए एक कॉल आएगा। इसमें आप एंबुलेंस सेवा के लिए सुझाव और कंप्लेन दर्ज करा सकेंगे। जिस पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा। एंबुलेंस के टाइम से न पहुंचने और धन उगाही की शिकायत पर शासन ने लखनऊ में एक कंट्रोल रूम बनाया है। जो किसी भी तीमारदार के बुलाने पर उनसे एंबुलेंस का फीडबैक लेगा। किसी भी तरह की लापरवाही मिलने पर एंबुलेंस ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ डॉ। विनीत शुक्ला ने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इसका इनॉग्रेशन कर दिया है। यह व्यवस्था 24 जून से लागू कर दी जाएगी।

देरी की कर सकेंगे कंप्लेन

शासन के आदेश के अनुसार किसी भी तीमारदार के कॉल करने पर 15 मिनट में एंबुलेंस को पहुंचना होता है। लेकिन लोगों के अनुसार एंबुलेंस बहुत कम बार टाइम पर पहुंचती है। वहीं, प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को उनके घर तक पहुंचाने में रिश्वत लेने का भी आरोप लगता है। पहले मरीज और तीमारदार इसकी शिकायत कहीं कर नहीं पाते थे या शिकायत करते भी थे तो कार्रवाई नहीं हो पाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इस नई व्यवस्था से लापरवाही की शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा।

अभी तक भी यह व्यवस्था

सीएचसी व पीएचसी के चिकित्सा प्रभारी मरीजों से फीडबैक लेकर सीएमओ आफिस भेजते थे। लेकिन वह एंबुलेंस ड्राइवर से ही फीडबैक पूछ कर नोट कर लेते थे। जिसमें मरीज को कोई शिकायत भी करनी होती थी उसकी सुनवाई नहीं हो पाती थी।

अब होगा यह नियम

मरीज जिस मोबाइल नंबर से एंबुलेंस बुलाने के लिए कॉल करेगा, फीड बैक के लिए उसी नंबर पर कॉल लखनऊ से आएगी। कॉल करने वाला मरीज से सिर्फ उसको एंबुलेंस से हुई समस्या और सुझाव पूछेगा। इतना ही नहीं कंट्रोल रूम से कॉल आने पर एंबुलेंस देर से मिली, किसी ने रिश्वत ली या फिर एम्बुलेंस ड्राइवर निजी हॅस्पिटल ले जाने के लिए कहता है, इसकी भी शिकायत की जा सकती है। शिकायतों की निगरानी शासन स्तर से होगी।

एंबुलेंस संबंधी कोई भी शिकायत अब मरीज फोन पर फीडबैक देते समय बता सकते हैं। इसके साथ वह सुझाव भी दे सकते हैं। इससे मरीजों को तो फायदा होगा ही लेकिन नए सुझाव भी मिलेंगे।

विनय कुमार पाण्डेय, रीजनल मैनेजर एम्बुलेंस

Posted By: Inextlive