यह भी जानें

-5 लाख रुपए एक आयुष्मान कार्ड पर मिलता है टैरिफ

-23 सितंबर को शुरू हुई थी आयुष्मान योजना

-94 प्राइवेट हॉस्पिटल आयुष्मान योजना में रजिस्टर्ड

-15 हजार पशेंट्स को आयुष्मान योजना के तहत मिला चुका है ट्रीटमेंट

-आयुष्मान कार्ड के पशेंट को चार प्राइवेट हॉस्पिटल ने नहीं किया था एडमिट, सीएमओ ने मांगा स्पष्टीकरण

- कई प्राइवेट हॉस्पिटल पेशेंट्स को नहीं कर रहे एडमिट, डॉक्टर्स ने की टैरिफ बढ़ाने की मांग

बरेली : सेंट्रल गवर्नमेंट की 'आयुष्मान भारत योजना' का लाभ लेने के लिए पेशेंट्स को काफी चक्कर लगाना पड़ रहा है। यहां तक की लोगों की मौत तक हो रही है। बीते ट्यूजडे को ऐसे मामले में आयुष्मान कार्ड होने पर भी पेशेंट को शहर के चार बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल ने एडमिट नहीं किया। जिससे उसकी मौत हो गई। डॉक्टर्स का कहना है कि उसके आयुष्मान कार्ड में टैरिफ काफी कम था, जिसमें ट्रीटमेंट दे पाना संभव नहीं था। हालांकि मामले को लेकर सीएमओ ने चारों हॉस्पिटल से स्पष्टीकरण मांगा है।

यह है पूरा मामला

शहर के मोहल्ला भूड़ निवासी मतलूब हुसैन की बीते ट्यूजडे की रात अचानक तबियत बिगड़ गई। जिस पर परिजन उन्हें खुशलोक हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टर्स ने कम टैरिफ का हवाला देते हुए एडमिट नहीं किया। इसी तरह से सरन हॉस्पिटल, मिशन हॉस्पिटल और एसआरएमएस हॉस्पिटल ने भी टैरिफ कम होने पर एडमिट नहीं किया। इससे टाइम पर ट्रीटमेंट न मिलने से मतलूब की मौत हो गई थी। परिजनों ने मामले की शिकायत सीएमओ से की थी।

पूछताछ कर होगी कार्रवाई

मिशन, एसआरएमएस, सरन और खुशलोक हॉस्पिटल को आयुष्मान लाभार्थी का इलाज से इंकार करना महंगा पड़ गया। मृतक के परिजनों की शिकायत पर सीएमओ ने थर्सडे को हॉस्पिटल प्रबंधन को लेटर जारी कर स्पष्टीकरण मांगा। चार हॉस्पिटल ने सीएमओ को स्पष्टीकरण भेज दिया है। इस संबंध में सीएमओ डॉक्टर विनीत शुक्ला ने बताया कि चारों हॉस्पिटल ने स्पष्टीकरण भेज दिए हैं। अब मृतक के परिजनों से पूछताछ कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

कार्ड के लिए लगाने पड़ते चक्कर

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बने आयुष्मान सेंटर पर पिछले एक माह 17 ऐसी शिकायतें आई हैं, जिसमें कहा गया है कि प्राईवेट हॉस्पिटल में कार्ड दिखाने के बावजूद भी इलाज नहीं दिया जा रहा है। वहीं रोजाना सेंटर पर तीन से चार ऐसे लाभार्थी आ रहे हैं जो पात्र होने के बावजूद भी उनके कार्ड नहीं बन रहे हैं।

टैरिफ बढ़े तो न हो प्रॉब्लम

आयुष्मान कार्ड से पेशेंट्स को ट्रीटमेंट न मिलने के मामले में जब आईएमए प्रेसीडेंट से बात की तो उन्होंने बताया कि कुछ अस्पताल ऐसे हैं, जिनमें सीमित संसाधन हैं इस कारण मरीजों को इलाज से इंकार किया जा रहा है। वहीं सबसे बड़ी समस्या टैरिफ की है। कई हॉस्पिटल संचालक टैरिफ बढ़ाने की मांग कर रहे है। मांग पूरी होने के बाद व्यवस्था सही हो जाएगी।

एक साल पहले शुरु हुई थी योजना

पिछले वर्ष 23 सितंबर को आयुष्मान भारत योजना लागू की गई थी। जिसके बाद डिस्ट्रिक्ट में करीब एक लाख 14 हजार लोग इस योजना से जुड़े हुए हैं। वहीं इस एक साल के दरमियान करीब 15 हजार लाभार्थियों को इलाज मिल चुका है।

इतने हॉस्पिटल हैं रजिस्टर्ड

आयुष्मान भारत योजना के तहत डिस्ट्रिक्ट में कुल 94 प्राइवेट और 6 सरकारी हॉस्पिटल रजिस्टर्ड हैं। शासनादेश की माने तो इन हॉस्पिटल पर इलाज के लिए पहुंचने वाले लाभार्थियों को हर हाल इलाज देना अनिवार्य है।

वर्जन

टैरिफ यानि पैकेज रेट बढ़ाने या घटाने का अधिकार शासन को है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स अगर मांग कर रहे हैं तो सीएमओ स्तर से मामले को शासन को भेजा जाएगा।

डॉ। अनुराग अग्रवाल, कोऑर्डिनेटर, आयुष्मान।

Posted By: Inextlive