- एम्स की मांग को लेकर लगातार तीसरे दिन भी एसएस हॉस्पिटल में रहा रेजीडेंट्स की स्ट्राइक

- डॉक्टर्स की स्ट्राइक के विरोध में आ‌र्ट्स व सोशल साइंस फैकल्टी के स्टूडेंट्स हुए लामबंद

- दिन में स्टूडेंट्स ने किया धरना-प्रदर्शन, शाम में रेजीडेंट डॉक्टर्स ने निकाला कैंडल मार्च

VARANASI: मंगलवार को बीएचयू सर सुंदर लाल हॉस्पिटल पहुंचीं मिसेज वंदना को ये उम्मीद थी कि उनकी सास सत्यभामा की सीरियस हालत देख कर कोई न कोई डॉक्टर उनके ट्रीटमेंट के लिए जरूर आगे आएगा। बुजुर्ग सासू मां असहनीय कैंसर पेन से कराह रही थी। बहू वंदना का रो-रो कर हाल बेहाल था मगर उसके आंसूओं पर पिघलने वाला कोई सामने नहीं आया। ये तो सिर्फ एक पेशेंट की दास्तान है। ऐसे दर्जनों पेशेंट आंसू बहाते मंगलवार को बीएचयू हॉस्पिटल से लौटे। दु:ख की बात ये रही कि उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में भी ट्रीटमेंट नहीं मिला। आप सोच रहे होंगे कि क्यों? यही है आज की बड़ी खबर

बीएचयू में और बढ़ी तकरार, पेशेंट में हाहाकार

बीएचयू में एसएस हॉस्पिटल के रेजीडेंट डॉक्टर्स की स्ट्राइक मुद्दा बदलने के बाद मंगलवार को भी जारी रहा। जबकि बीएचयू के स्टूडेंट्स अब रेजीडेंट डॉक्टर्स की इस स्ट्राइक के विरोध में रोड पर उतर आए। मंगलवार को दिन में उस वक्त अराजक माहौल पैदा हो गया जब दोपहर बाद टकराव को देखते हुए मेन गेट बंद कर दिया गया। इधर, डॉक्टरों से रहम और करम की उम्मीद लेकर हॉस्पिटल पहुंचे सैकड़ों पेशेंट्स को मायूस होना पड़ा। ये नहीं पता चल सका कि कितने सीरियस पेशें‌र्ट्स जिंदा अपने घर या किसी दूसरे नर्सिग होम तक पहुंच पाये। ये जरूर था कि पेशेंट की जिंदगी की परवाह किये बगैर रेजीडेंट डॉक्टर्स बुधवार को भी अपनी जिद पर अड़े रहे।

IMS के बाहर धरना

बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल में एम्स की मांग को लेकर चल रहे स्ट्राइक में मंगलवार को एक नया मोड़ आ गया। स्ट्राइक के विरोध में बीएचयू के आ‌र्ट्स और सोशल साइंस के स्टूडेंट्स सड़क पर उतर आये। सैकड़ों की संख्या में उन्होंने आईएमएस के बाहर चक्का जाम कर दिया। घंटो वहां प्रदर्शन करने के बाद उन्होंने बीएचयू मेन गेट को बंद कर दिया। स्ट्राइक का विरोध कर रहे स्टूडेंट्स का कहना है कि डॉक्टर्स एम्स की लड़ाई में मरीजों की जान से खेल रहे हैं। जिसका उन्हें कोई हक नहीं है। उन्हें जल्दी से जल्दी अपनी स्ट्राइक को वापस लेना होगा। देर शाम तक बीएचयू का मेन गेट बंद था। प्रदर्शनकारी वहां डटे हुए थे।

हड़ताल जारी, हाल बेहाल

इधर पहले कैंपस के दूसरे स्टूडेंट्स ने बवाल फिर बाद में एम्स के मुद्दे को लेकर बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल में चल रही स्ट्राइक तीसरे दिन भी जारी रही। रेजिडेंट्स डॉक्टर्स के साथ सीनियर डॉक्टर्स के आ खड़े होने के बाद सिचुएशन और भी बिगड़ गयी। हालांकि बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से चीफ प्रॉक्टर ने सिक्योरिटी गा‌र्ड्स लगाकर ओपीडी व रजिस्ट्रेशन काउंटर पर हड़ताली डॉक्टर्स द्वारा लगाये ताले को तुड़वा कर और ओपीडी बहाल करायी। सीनियर डॉक्टर्स की मदद से लगभग चार घंटे तक ओपीडी चली। तकरीबन क्क्00 रजिस्ट्रेशन भी हुआ। लेकिन रेजिडेंट्स डॉक्टर्स के दबाव के चलते उन्होंने जल्दी ही ओपीडी छोड़ दी।

इमरजेंसी से किया निराश

हॉस्पिटल में स्ट्राइक रहने की वजह से बड़ी संख्या में पेशेंट्स मायूस होकर लौटे। बिहार के भभुआ से आया मंगलदीन को पेट में खासा दर्द हो रहा था। बड़ी आस लेकर वो बीएचयू आया था लेकिन उसे यहां निराशा ही हाथ लगी। भ् साल के गिरिराज को उसके परिजन लगभग बेहोशी की हालत में लेकर बीएचयू आये थे। लेकिन उनके बच्चे को देखने वाला यहां कोई भी नहीं था। रोते बिलखते वे अपने बच्चे को तुरंत दूसरे हॉस्पिटल की ओर भागे। ऐसे अभागों की संख्या एक या दो में नहीं दर्जनों में है जो राहत की उम्मीद में बीएचयू के इमरजेंसी में पहुंचे थे। शाम को बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन ने ताला तोड़कर इमरजेंसी बहाल करायी। सात पेशेंट्स एडमिट भी किये गये हैं। लेकिन यहां उनका दर्द को कम करने वाला कोई भी नहीं मिला। लगभग भ्0 की संख्या में पेशेंट्स भी डिस्चार्ज किये गये।

हो रही है अवसर की राजनीति

बीएचयू कैंपस में सीनियर डॉक्टर्स के साथ रेजिडेंट्स डाक्टर्स के आ खड़े हो जाने को लेकर तरह तरह की चर्चाएं होती रहीं। सीनियर डॉक्टर्स का एक गु्रप रेजिडेंट्स डाक्टर्स के साथ स्ट्राइक करने को गलत मान रहा है। उनका कहना है कि रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने पहले कैंपस के स्टूडेंट्स के साथ हुई बवाल को लेकर स्ट्राइक किया था। इसमें एम्स की मांग को शामिल कर दिया जाना गलत है। यह अवसर की राजनीति है। वहीं एक दूसरा गु्रप एम्स की मांग को जायज ठहराते हुए स्ट्राइक को आर पार की लड़ाई का हथियार बनाये हुए है।

हॉस्टलर्स के बीच जबरदस्त तनाव

इधर लाल बहादुर शास्त्री हॉस्टल व धन्वंतरि हॉस्टल के स्टूडेंट्स के बीच जबरदस्त तनाव की स्थिति बनी है। हॉस्टल के सामने बड़ी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है। खबर है कि लाल बहादुर शास्त्री हॉस्टल के स्टूडेंट्स ने रोड पर आ रहे एक जूनियर डॉक्टर को रोक लिया और उसे हॉस्टल के अंदर ले गये। तकरीबन दो दर्जन की संख्या में स्टूडेंटस ने जूनियर डॉक्टर को करीब क्भ् मिनट तक हॉस्टल में रोकने के बाद छोड़ दिया। सूचना पर पुलिस भी वहां पहुंच गयी थी।

इमरजेंसी बहाल लेकिन नहीं करेंगे ऑपरेशन

एम्स के मांग को लेकर स्ट्राइक के समर्थन में आईएमस सीनियर डॉक्टर्स ने एक मीटिंग की। मीटिंग में रेजिडेंट्स डाक्टर्स के एम्स की मांग को जायज ठहराया गया और उसमें शामिल होने का निर्णय लिया गया। डाक्टर्स की ओर से मिडिया को भेजे गये मेल में मीटिंग मिनिट्स का जिक्र किया गया है। जिसमें उनके द्वारा इमरजेंसी सेवाएं बहाल करने वाल पैरेलल ओपीडी चलाये जाने की बात कही गयी है। मेल में कहा गया है कि बुधवार से हॉस्पिटल में कोई भी नया पेशेंट एडमिट नहीं किया जायेगा और ना ही कोई आपरेशन किया जायेगा। इसके अलावा डॉक्टर्स क्रमिक अनशन के जरिये एम्स की मांग के समर्थन में अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

डॉक्टर्स हैं नाराज

आईएमए के डॉक्टर्स बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन के एक सीनियर ऑफिसर के रवैये को लेकर नाराज हैं। उनका कहना है कि यह ऑफिसर उन्हें जब चाहे तब खरी खोटी सुना कर चला जाता है। उसे दूसरे लोगों की गलती नहीं दिखायी देती। उसकी नजर में हर डॉक्टर ही हर गलती के लिए जिम्मेदार है। डॉक्टर्स की हुई मीटिंग में भी इस बात का मुद्दा उठाया।

Posted By: Inextlive